नयी दिल्ली : केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने शनिवार को कहा कि तथाकथित कश्मीर मुद्दा एक राजनीतिक ‘मिथक’ है जिसे कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस और इस तरह के अन्य राजनीतिक समूहों ने पैदा किया है, जिनका क्षेत्र के चुनावी वोट बैंक में निहित स्वार्थ है. सिंह ने कहा कि जम्मू कश्मीर भी भारतीय संघ के किसी दूसरे राज्य की तरह ही है.
उन्होंने कहा कि ‘‘कश्मीर मुद्दा’ जैसा कोई मुद्दा ही नहीं है और इसे उठाने की कोशिश करने वाले राजनीतिक नेताओं के गैर मुद्दे में से मुद्दा पैदा करने में गहरे स्वार्थ हैं. मंत्री ने कहा, ‘‘तथाकथित कश्मीर मुद्दा राजनीतिक मिथक है जिसे कांग्रेस, नेशनल कांफ्रेंस और अन्य ऐसे समूहों ने निहित स्वार्थों के लिए पैदा किया है.’ उन्होंने कहा, ‘‘कश्मीर केंद्रित नेताओं के पाखंड का सबसे बड़ा सबूत यह है कि वे इस तथ्य को कमतर करने की कोशिश करते हैं कि भले ही जम्मू कश्मीर का अपना अलग संविधान है लेकिन जम्मू कश्मीर के संविधान में ही यह कहा गया है कि यह भारत का अभिन्न हिस्सा है.’
सिंह ने कहा कि यह विडंबना है कि नेशनल कांफ्रेंस के संरक्षक शेख अब्दुल्ला ने बिना शर्त यह स्वीकार किया था कि जबतक वह सत्ता में रहेंगे तब तक राज्य भारत का अभिन्न हिस्सा रहेगा लेकिन जब भी वह सत्ता से बाहर होंगे तो जनमत संग्रह की बात करेंगे. उन्होंने कहा कि यही प्रवृत्ति नेशनल कांफ्रेंस की बाद की दो पीढ़ियों ने आगे बढ़ाई ‘‘जो इस दोहरेपन से राजनीतिक लाभ लेने में कामयाब रहे।’ उन्होंने कहा कि हालांकि 1990 के बाद जन्मी कश्मीरियों की तीसरी पीढ़ी इस ‘‘मनगढ़ंत मिथक’ से आगे बढ़ गयी.