पंजाब के CM ने कहा – सिद्धू मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं, गैरजिम्मेदाराना हरकत से कांग्रेस को पहुंचाया नुकसान
चंडीगढ़ : पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और उनके कैबिनेट सहयोगी नवजोत सिंह सिद्धू के बीच तनातनी एक बार फिर सामने आ गयी. अमरिंदर सिंह ने रविवार को सिद्धू पर चुनाव से ठीक पहले अपनी गैरजिम्मेदाराना हरकत से कांग्रेस को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया. सिंह ने कहा कि उनके पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री से […]
चंडीगढ़ : पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और उनके कैबिनेट सहयोगी नवजोत सिंह सिद्धू के बीच तनातनी एक बार फिर सामने आ गयी. अमरिंदर सिंह ने रविवार को सिद्धू पर चुनाव से ठीक पहले अपनी गैरजिम्मेदाराना हरकत से कांग्रेस को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया.
सिंह ने कहा कि उनके पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री से कोई व्यक्तिगत मतभेद नहीं है. हालांकि, उन्होंने कहा कि सिद्धू शायद महत्वाकांक्षी हैं और वह मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ब्रह्म मोहिंद्रा ने सिद्धू की आलोचना की. उन्होंने कहा कि वह और मंत्रिमंडल के अन्य सहयोगी पार्टी को और नुकसान पहुंचाने से सिद्धू को रोकने के लिए कांग्रेस हाईकमान को लिखेंगे. सिद्धू पर निशाना साधते हुए यहां मुख्यमंत्री ने कहा, यदि वह (सिद्धू) एक असली कांग्रेसी होते तो उन्हें पंजाब में मतदान से ठीक पहले के बजाय अपनी शिकायतों को उजागर करने के लिए बेहतर समय चुनना चाहिए था. उन्होंने कहा, वह इस तरह की गैरजिम्मेदाराना हरकत से पार्टी को नुकसान पहुंचा रहे हैं. यह उनका चुनाव नहीं बल्कि पूरी कांग्रेस का चुनाव है.
अपने मंत्रिमंडल के सहयोगी की निंदा करने संबंधी सिंह का यह बयान उस दिन आया है जिस दिन पंजाब में सभी 13 लोकसभा सीटों पर वोट पड़े. मुख्यमंत्री स्पष्ट रूप से 17 मई को बठिंडा में सिद्धू द्वारा की गयी उस विद्रोही टिप्पणी का जिक्र कर रहे थे जिसमें वह राज्य में धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी के मुद्दे पर कांग्रेस सरकार को घेरते हुए दिखायी दिये थे और उन्होंने सवाल किया था कि 2015 में बेअदबी और पुलिस गोलीबारी की घटनाओं के सिलसिले में बादल परिवार के जिम्मेदार सदस्यों के खिलाफ प्राथमिकी क्यों नही दर्ज की गयी. सिद्धू ने बठिंडा में कांग्रेस उम्मीदवार अमरिंदर सिंह राजा के समर्थन में प्रचार करते हुए कहा था कि यदि 2015 की बेअदबी की घटनाओं के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गयी तो वह इस्तीफा दे देंगे.
सिंह ने कहा कि सिद्धू के खिलाफ कार्रवाई का फैसला शीर्ष नेतृत्व करेगा, लेकिन एक पार्टी के तौर पर कांग्रेस अनुशासनहीनता को सहन नहीं करेगी. उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत रूप से सिद्धू के साथ उनके कोई मतभेद नहीं है और वह उन्हें तब से जानते हैं जब वह (सिद्धू) बच्चे थे. सिंह ने कहा, शायद वह महत्वाकांक्षी हैं और मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं. कुछ दिन पहले सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू ने सिंह और पंजाब कांग्रेस मामलों की प्रभारी आशा कुमारी पर अमृतसर संसदीय सीट से उन्हें टिकट नहीं दिये जाने का आरोप लगाया था. हालांकि, सिंह ने इस आरोप को खारिज किया था. सिद्धू ने अपनी पत्नी के आरोप का समर्थन किया था और कहा था कि वह कभी झूठ नहीं बोलती है. जब सिद्धू से यह पूछा गया था कि मुख्यमंत्री ने कौर के आरोपों को खारिज किया है, तो उन्होंने 16 मई को कहा था, मेरी पत्नी के पास इतनी ताकत और नैतिक अधिकार है कि वह कभी झूठ नहीं बोलेगी. यही मेरा जवाब है. इस बीच विपक्षी शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने मुख्यमंत्री और सिद्धू के बीच तनाव को लेकर कहा, दोनों नेताओं के बीच पूरी तरह से विश्वास की कमी है और वे एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं.