Exit Polls 2019 : सत्ता पक्ष और विपक्ष में कुछ ऐसी है सुगबुगाहट…
नयी दिल्ली/ लखनऊ/ हैदराबाद : एक्जिट पोल सामने आने के बाद से राष्ट्रीय राजधानी और देश के अन्य हिस्सों में विभिन्न राजनीतिक दलों के कार्यालयों में लोगों की मनोदशा प्रभावित हुई है. भाजपा जहां इससे अत्यंत प्रसन्न है, वहीं कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियों में उत्साह कम नजर आ रहा है. हालांकि आम रुख चुनाव […]
नयी दिल्ली/ लखनऊ/ हैदराबाद : एक्जिट पोल सामने आने के बाद से राष्ट्रीय राजधानी और देश के अन्य हिस्सों में विभिन्न राजनीतिक दलों के कार्यालयों में लोगों की मनोदशा प्रभावित हुई है. भाजपा जहां इससे अत्यंत प्रसन्न है, वहीं कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियों में उत्साह कम नजर आ रहा है.
हालांकि आम रुख चुनाव परिणामों तक इंतजार करने का है. तीन एक्जिट पोल में भाजपा नीत राजग को 300 से ज्यादा सीट मिलने का अनुमान जताया गया है, वहीं दो अन्य ने सत्तारूढ़ गठबंधन को बहुमत नहीं मिलने का अंदाज लगाया है.
सात चरणों में संपन्न हुए आम चुनाव में अथक परिश्रम करने वाले कार्यकर्ताओं को कई पार्टियों ने सोमवार को आराम करने का मौका दिया. लेकिन दिल्ली में भाजपा मुख्यालय के एक कार्यकर्ता ने कहा कि उन्होंने ’23 मई को लोकसभा चुनाव के परिणामों का शानदार तरीके से जश्न मनाने की’ तैयारियां पहले से शुरू कर दी हैं.
कांग्रेस मुख्यलाय में सोमवार सुबह सामान्य हलचल गायब थी जिसके बारे में पार्टी कार्यकर्ताओं ने कहा कि एक्जिट पोल द्वारा ‘झूठा माहौल’ बनाने की वजह से ऐसा है. कांग्रेस के एक कार्यकर्ता राम सिंह ने कहा, हम निश्चित तौर पर बेहतर प्रदर्शन करेंगे. और अगर हम नहीं करते तो ईवीएम में गड़बड़ी की गई होगी.
पार्टी के अन्य सहयोगियों ने भी उनकी बात से सहमति जताई कि दोनों पार्टियों के बीच कड़ा मुकाबला होगा और कांग्रेस का प्रदर्शन 2014 के प्रदर्शन से बेहतर होगा जब पार्टी ने महज 44 सीट जीती थीं.
भाकपा के राष्ट्रीय सचिव डी राजा ने इस बात को स्वीकारा कि इतने साल में यह वाम दलों का सबसे निराशाजनक प्रदर्शन होगा. उन्होंने कहा, हम क्या भूमिका निभाएंगे, इसका फैसला 23 मई के बाद होगा.
लखनऊ में भाजपा मुख्यालय में एग्जिट पोल और उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा गठबंधन की किस्मत पर चाय पर चर्चा जोरों पर थी. क्षेत्रीय पार्टियां त्रिशंकु लोकसभा की स्थिति में सरकार बनाने में बड़ी भूमिका निभाने की उम्मीद कर रही हैं.
लेकिन एक्जिट पोल के परिणामों ने लखनऊ में समाजवादी पार्टी के मुख्यालय में उत्साह कुछ मंद कर दिया जहां सपा प्रमुख अखिलेश यादव पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ मिल रहे थे. सपा कार्यालय जहां आमतौर पर बहुत हलचल रहती है, वहां सुबह कम भीड़ देखने को मिली जहां पार्टी के कुछ समर्थक पार्टी की भविष्य की संभावनाओं और बसपा तथा रालोद के साथ उसके गठबंधन के परिणाम पर चर्चा कर रहे थे.
सीतापुर से सपा के नेता अजय प्रताप सिंह ने कहा, एग्जिट पोल के कुछ सर्वेक्षणों में सपा-बसपा-रालोद गठबंधन को 50 से ज्यादा सीटें दी गई हैं. हमारे लिए यह उत्साहजनक है, मगर हम 23 मई को नतीजे आने का इंतजार कर रहे हैं.
अखिलेश यादव बसपा सुप्रीमो मायावती के घर भी पहुंचे और दोनों के बीच करीब एक घंटे तक बंद दरवाजे के पीछे बातचीत चली. तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के खेमे में भी माहौल सुस्त था.
मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की अगुवाई वाली टीआरएस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, हमारा पूर्वानुमान था कि न तो राजग को और न ही संप्रग को अपने दम पर बहुमत मिलेगा. एक्जिट पोल के नतीजों की मानें तो हम गलत साबित होने जा रहे हैं.
तृणमूल कांग्रेस के नेताओं में कोलकाता में पार्टी कार्यालय में भाजपा को लाभ का पूर्वानुमान व्यक्त करने वाले एक्जिट पोल को लेकर कोई घबराहट नहीं दिखी. पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, हमें आंतरिक रिपोर्ट मिली है. हमें जिलों और हर निर्वाचन क्षेत्र से रिपोर्ट मिली है. उन्होंने भरोसा जताया कि पार्टी पश्चिम बंगाल में 2014 से बेहतर प्रदर्शन करेगी.
वहीं, तेदेपा खेमा भी अपने प्रदर्शन को लेकर आशावादी दिखा जहां आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने अन्य दलों के नेताओं के साथ अपनी बैठक जारी रखी. दिल्ली में आम आदमी पार्टी कार्यालय के कार्यकर्ताओं ने कहा कि एक्जिट पोल जमीनी हकीकत नहीं दिखाते.