वैदिक-हाफिज मुलाकात पर राजनीतिक भूचाल क्यों, जानिए इस खबर में
नयी दिल्लीः मुंबई हमले का मास्टरमाइंड और आतंकवादी हाफिज सईद से भारतीय पत्रकार वेदप्रताप वैदिक की मुलाकात के बाद देश में राजनीतिक भूचाल आ गया है. दोनों की मुलाकात पर आज संसद में जमकर हंगामा हुआ और कांग्रेस ने उनकी गिरफ्तारी की मांग की. इस मुलाकात पर वैदिक ने कहा कि आखिर एक पत्रकार के […]
नयी दिल्लीः मुंबई हमले का मास्टरमाइंड और आतंकवादी हाफिज सईद से भारतीय पत्रकार वेदप्रताप वैदिक की मुलाकात के बाद देश में राजनीतिक भूचाल आ गया है. दोनों की मुलाकात पर आज संसद में जमकर हंगामा हुआ और कांग्रेस ने उनकी गिरफ्तारी की मांग की. इस मुलाकात पर वैदिक ने कहा कि आखिर एक पत्रकार के रुप में हाफिज से मुलाकात में क्या बुराई है. उधर, सरकार ने साफ कर दिया है कि वैदिक की हाफिज सईद से मुलाकात का सरकार से कोई लेना देना नहीं है. कौन है वेदप्रताप वैदिक और आखिर हाफिज से मुलाकात पर इतना हंगामा क्यों खडा हुआ है, इस पर एक नजर-
30 दिसम्बर, 1944 को इंदौर में जन्में वेद प्रताप वैदिक एक विद्वान, राजनीतिक विश्लेषक और भारत के स्वतंत्र स्तंभकार है. वैदिक हिंदी समाचार एजेंसी प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया ‘भाषा’ के संस्थापक संपादक रहें हैं. इससे पहले वह नव भारत टाइम्स में संपादक (विचार) रह चुके हैं. वर्तमान में यै भारतीय भाषा सम्मेलन के अध्यक्ष हैं.
जेएनयू में हिन्दी में परीक्षा देने वाले पहले छात्र
वैदिक जेएनयू में इंटरनेशनल स्टडीज के छात्र रहें है. जेएनयू में पहले ऐसे छात्र रहें हैं जिन्होंने नियम का उल्लंघन करते हुए सवालों के जवाब अंग्रेजी के बदले हिन्दी में लिखा. वह पीएचडी का थीसीस भी हिन्दी में जमा किये थे. बाद में जेएनयू ने अपने नियम में बदलाव किये और वहां हिन्दी में भी पेपर लिखने की शुरुआत हुई.
उनपर बड़पोलेपन का आरोप
मित्रों और आलोचकों के बीच में वे बड़बोलेपन के लिए जाने जाते हैं. आम तौर पर किसी भी अंतरराष्टीय या राष्ट्रीय मंच पर संबोधन के समय देश दुनिया के सामने अपनी मित्रता के बारे में बोलने से नहीं चुकते हैं.
एक वाकया है कि दिल्ली के साईं सेंटर में एक पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम में वैदिक ने डॉ मुरली मनोहर जोशी के हाथ से माइक लेकर बीच में ही बोल पड़े की अगर हम राजनीति में आ गये होते तो आपलोगों का क्या होता. इसके पहले कार्यक्रम में वैदिक ने अपने संबोधन में बेनजीर भुट्टो, नवाज शरीफ सहित कुछ बड़े नेताओं से अपनी दोस्ती के बारे में चर्चा की थी. इसी संदर्भ में जोशी बोले की राजनीति में रहकर भी मेरी इतनी दोस्ती नहीं हुई जितनी की आपकी एक पत्रकार रहकर है.
अन्ना के पैरोकार रहे हैं
लोकपाल बिल को लेकर जब अन्ना आंदोलन चरम पर था तो वे अन्ना के बड़े पैरोकार के रुप में सामने आये और उस दौरान अन्ना के सलाहकार भी रहे. पिछले कुछ वर्षों से बाबा रामदेव से भी उनके रिश्ते रहे हैं. एक निजी चैनल द्वारा इंटरव्यू में जब पूछा गया कि क्या आप बाबा रामदेव के प्रतिनिध हैं, इस पर वैदिक का जवाब था कि रामदेव मेरे बेटे की उम्र के हैं.उसी चैनल में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कोई भी प्रधानमंत्री अगर यह कहेगा कि मैं वैदिक से ज्यादा देशभक्त हूं तो जनता उसके मूंह पर थूकेगी.
मोदी समर्थक भी रहे हैं
वैदिक मोदी के भी बडे पैरोकार रहे हैं. खासकर जब यूपीए-2 सरकार भ्रष्टाचार के आरोपों में घिर गयी थी तो इन्होंने इस बात की पैरोकारी की कि मोदी ही अब इस भ्रष्ट सरकार को उखाड सकती है.
गौरतलब है कि लोकपाल बिल के लिए अन्ना द्वारा चलाये जा रहे आंदोलन के समय वेद प्रताप वैदिक ने इस आंदोलन का समर्थन किया. दूसरी और रामदेव बाबा के भी वे समर्थक रहें हैं जिन्होंने यूपीए सरकार के खिलाफ लोकपाल और कालेधन को लेकर मोर्चा खोला था. और अंततः वे मोदी के समर्थन में भी आ गये. अब हाफिज से उनके मुलाकात पर यूपीए को एक मुद्दा मिल गया है और वह चाहती है कि इस मुद्दे पर सरकार को घेरा जाए.