नयी दिल्ली : कांग्रेस के युवराज और पार्टी के उपाध्यक्ष राहुल गांधी को लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी का खेवनहार समझा जा रहा था. पार्टी के वरिष्ठ नेता से लेकर छोटे स्तर के नेता,सभी उनके गुणगान से थकते नहीं थे. लेकिन अचानक पाशा पलटा और चुनाव में यूपीए को करारी हार का मुंह देखना पड़ा. भाजपा को चुनाव में मिली जोरदार जीत से कांग्रेस के अंदर भूचाल पैदा हो गया. पार्टी के अंदर विरोधी मत उभर के सामने आने लगे.
जो नेता कभी सोनिया गांधी और कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी के सामने अपना माथा नहीं उठाये,वही अब खुल के विरोध करने लगे. कांग्रेस के नेता नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठाने लगे. किसी को लगने लगा की चुनाव में हार के लिए एक मात्र जिम्मेवार राहुल गांधी हैं. तो किसी को लगने लगा कि अब राहुल की जगह प्रियंका गांधी को लाना चाहिए. राहुल के खिलाफ किसने क्या कहा, आइये एक नजर डालें
* राहुल का मोह त्यागें सोनिया : गुफरान आजम
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुफरान आजम ने राहुल गांधी पर आरोप लगाया कि उनमें राजनीति की कोई गुण नहीं हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात से शर्म आती है कि उनके नेता राहुल हैं. गुफरान ने कहा कि कोई राहुल को पप्पू बोलता है तो कोई मुन्ना. यह सब सुन-सुन कर थक गया हूं, मुझे शर्म आती है कि मेरे पार्टी के उपाध्यक्ष राहुल गांधी हैं. उन्होंने कांग्रेस की अध्यक्षा सोनिया गांधी को भी नसीहत देते हुए कहा कि अब उन्हें भी बेटे का मोह त्याग देना चाहिए.
* कांग्रेस को राहुल-प्रियंका के अलावे भी सोचना चाहिए: भंवरलाल
राजस्थान कांग्रेस के नेता भवंरलाल ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें पार्टी का उच्च पद इस लिए मिल गया क्योंकि उन्होंने अच्छे परिवार में जन्म लिया. भवंरलाल ने कहा कि पार्टी के शीर्ष नेताओं को राहुल-प्रियंका के अलावे भी सोचना चाहिए. कोई कह रहा है कि राहुल गांधी को लाओ,तो कोई कह रहा है कि प्रियंका को लाओ, लेकिन इनके अलावे किसी और के बारे में भी तो सोचो.
* कांग्रेस के नेता और पूर्व मंत्री टीएच मुस्तफा ने राहुल को जोकर बताया
केरल में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री टीएच मुस्तफा ने पार्टी की हार के लिए राहुल गांधी को जिम्मेवार बताया. साथ ही उन्होंने राहुल गांधी को इसकी जिम्मेदारी लेते हुए पार्टी उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा की मांग कर दी थी. मुस्तफा ने राहुल की आलोचना करते हुए उन्हें जोकर तक कह दिया था. हालांकि पार्टी विरोधी बयान देने के लिए उन्हें कांग्रेस से निकाल दिया गया.