RSS प्रमुख मोहन भागवत का बड़ा बयान, कहा- राम का काम होकर रहेगा
उदयपुरः राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत का राम मंदिर पर बड़ा बयान आया है. मोहन भागवत ने राजस्थान के उदयपुर में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि राम का काम होकर रहेगा. भागवत ने ये भी कहा कि सबको मिलकर राम का काम करना है. मोहन भागवत के बयान के बाद कई तरह […]
उदयपुरः राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत का राम मंदिर पर बड़ा बयान आया है. मोहन भागवत ने राजस्थान के उदयपुर में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि राम का काम होकर रहेगा. भागवत ने ये भी कहा कि सबको मिलकर राम का काम करना है. मोहन भागवत के बयान के बाद कई तरह के अटकलें तेज हो गयी है. उन्होंने कहा कि इसकी निगरानी भी करनी होगी. मोहन भागवत के इस बयान से कयास यही निकाले जा रहे हैं कि वह अयोध्या में राम मंदिर की बात कर रहे हैं. हालांकि उन्होंने इसे स्पष्ट नहीं किया.
गौरतलब है कि उदयपुर पहुंचे आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने सोमवार को बड़गांव इलाके में प्रताप गौरव केंद्र में नवनिर्मित भक्तिधाम प्राणप्रतिष्ठा और जन समर्पण कार्यक्रम में शिरकत की. इस मौके पर संघ प्रमुख भागवत और रामकथा वाचक संत मोरारी बापू ने महाराणा प्रताप के शौर्य, वीरता, पराक्रम और बलिदान को याद कर उनसे प्रेरणा लेने की बात कही. यहीं नहीं, दोनों ने प्रताप गौरव केंद्र के निर्माण को भविष्य के लिए शुभ संकेत बताते हुए राष्ट्र निर्माण के लिए युवाओं से सिर्फ राम नाम हीं नहीं जपने, बल्कि राम के लिए काम करने का भी आह्वान किया.कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आरएसएस प्रमुख भागवत ने कहा कि इतिहास कहता है कि जिस देश के लोग सजग, शीलवान, सक्रिय और बलवान हों, उस देश का भाग्य निरंतर आगे बढ़ता है.
संघ प्रमुख ने कहा कि हमेश चर्चा होती है कि भारत विश्वशक्ति बनेगा लेकिन उससे पहले हमारे पास एक डर का एक डंडा अवश्य होना चाहिए, तभी दुनिया मानेगी. मोहन भागवत ने मोरारी बापू के संबोधन को याद दिलाते हुए कहा कि राम का काम सभी को करना है और राम का काम होकर रहेगा. पूरे चुनाव भर भी राम मंदिर मुद्दे को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई. बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में चुनावी रैली भी की लेकिन मंदिर के मुद्दे से दूर ही रहे. ऐसे में मोहन भागवत के बयान से एक बार अयोध्या में राम मंदिर को लेकर हलचल तेज हो गई है। फिलहाल अयोध्या में विवादित जमीन का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है.