लोकसभा चुनाव 2019 में हार के बाद पंजाब कांग्रेस प्रमुख ने राहुल गांधी को भेजा इस्तीफा
चंडीगढ़ : लोकसभा चुनाव में पंजाब की गुरदासपुर सीट पर भाजपा उम्मीदवार सनी देओल के हाथों शिकस्त मिलने के बाद सुनील जाखड़ ने हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को पंजाब कांग्रेस प्रमुख के तौर पर अपना इस्तीफा भेज दिया है. मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने इसे ‘पूरी तरह गैर जरूरी’ बताया. […]
चंडीगढ़ : लोकसभा चुनाव में पंजाब की गुरदासपुर सीट पर भाजपा उम्मीदवार सनी देओल के हाथों शिकस्त मिलने के बाद सुनील जाखड़ ने हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को पंजाब कांग्रेस प्रमुख के तौर पर अपना इस्तीफा भेज दिया है. मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने इसे ‘पूरी तरह गैर जरूरी’ बताया. जाखड़ के एक सहयोगी ने सोमवार को कहा, ‘उन्होंने परिणाम घोषित होने के एक दिन बाद राहुल जी को अपना इस्तीफा भेज दिया था.’ जाखड़ दिल्ली जा रहे थे इसलिए उनसे इस मामले पर बात नहीं हो पाई.
जाखड़ ने पत्र में लिखा कि राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह समेत पार्टी के वरिष्ठ नेतृत्व के समर्थन के बावजूद वह सीट को बरकरार नहीं रख पाए. पंजाब में सत्तारूढ कांग्रेस ने राज्य की 13 में से आठ संसदीय सीटों पर जीत हासिल की है.
जाखड़ ने अक्टूबर 2017 में हुए उपचुनाव में गुरदासपुर लोकसभा सीट जीती थी. उन्होंने तब भाजपा के स्वर्ण सलारिया को 1.93 लाख से अधिक वोटों के अंतर से हराया था. भाजपा सांसद विनोद खन्ना के निधन के बाद यह सीट रिक्त हो गई थी.
हालांकि, इस बार जाखड़ को अभिनेता से नेता बने देओल ने 82,459 मतों के अंतर से हराया. पांच साल पहले भी पंजाब कांग्रेस विधायक दल के तत्कालीन नेता जाखड़ ने फिरोजपुर लोकसभा सीट हारने के बाद अपने पद से इस्तीफा देने की पेशकश की थी लेकिन तत्कालीन पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इसे अस्वीकार कर दिया था.
अमरिदंर सिंह ने सोमवार को एक बयान में कहा, ‘ यदि उन्होंने मुझ से इस मामले पर चर्चा की होती तो मैं उन्हें स्पष्ट तौर पर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने को नहीं कहता.’ उन्होंने कहा कि जिस आधार पर जाखड़ ने ऐसा किया है, वह बिल्कुल कोई कारण नहीं है.
उन्होंने कहा, ‘‘अन्य प्रदेशों के कांग्रेस अध्यक्षों ने अपने अपने राज्यों में पार्टी के खराब प्रदर्शन की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दिया है.’ इस तरह मुख्यमंत्री ने अन्य राज्यों के कांग्रेस अध्यक्षों के मामलों से जाखड़ के मामले से विपरीत रूप में रखा जिनके नेतृत्व में पंजाब कांग्रेस ने राष्ट्रीय स्तर पर चुनावी रूख को धत्ता बताते हुए राज्य में अधिक सीटें जीतीं.