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UGC पिछले 10 साल में पीएचडी के शोध लेखों की गुणवत्ता का अध्ययन करायेगा

नयी दिल्ली : विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) देश में विश्वविद्यालयों द्वारा पिछले 10 साल में प्रदान की गयी डॉक्टरेट की डिग्री के लिए पीएचडी शोध लेख की गुणवत्ता की समीक्षा करवाने की योजना बना रहा है. देश में शोध की गिरती गुणवत्ता और पीएचडी में विषयों के दोहराव के बारे में विभिन्न धड़ों से उठने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 28, 2019 7:07 PM

नयी दिल्ली : विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) देश में विश्वविद्यालयों द्वारा पिछले 10 साल में प्रदान की गयी डॉक्टरेट की डिग्री के लिए पीएचडी शोध लेख की गुणवत्ता की समीक्षा करवाने की योजना बना रहा है.

देश में शोध की गिरती गुणवत्ता और पीएचडी में विषयों के दोहराव के बारे में विभिन्न धड़ों से उठने वाली चिंताओं के बाद यह कदम उठाया जा रहा है. आयोग ने छह महीने में अध्ययन करवाने के लिए प्रस्ताव आमंत्रित किये हैं.

उच्च शिक्षा नियामक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, यूजीसी ‘भारतीय विश्वविद्यालयों में पीएचडी शोध लेख (थीसिस) की गुणवत्ता’ पर अध्ययन कराने की योजना बना रहा है.

अध्ययन के विषय क्षेत्र में पिछले 10 साल में विभिन्न केंद्रीय विश्वविद्यालयों, राज्य विश्वविद्यालयों, राज्य के निजी विश्वविद्यालयों और डीम्ड यूनिवर्सिटी द्वारा विभिन्न अनुशासन में प्रदान किये गए पीएचडी के शोध लेख को शामिल किया जाएगा.

आयोग ने रुचि रखने वाले लोगों या समूहों को अध्ययन करवाने के लिए अपनी क्षमताओं, ट्रैक रिकाॅर्ड, अपनायी जाने वाली प्रक्रिया और अनुमानित बजट के बारे में बताते हुए अपने-अपने प्रस्ताव भेजने को कहा है.

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