पणजी : गोवा में 40 सदस्यीय विधानसभा में 17 सदस्यों के साथ भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बन गयी है. मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा है कि वह गठबंधन के किसी भी सहयोगी को नहीं हटायेंगे.
हाल में हुए उपचुनाव में जीत हासिल करने वाले चार नवनिर्वाचित विधायकों के शपथ लेने के साथ राज्य विधानसभा की सदस्य संख्या 40 हो गयी है. नयी व्यवस्था में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी है, जबकि 2017 में स्थिति बिल्कुल उलट थी. तब विधानसभा चुनाव में भगवा पार्टी ने 13 और कांग्रेस ने 17 सीट जीती थीं. कार्यवाहक विधानसभा अध्यक्ष माइकल लोबो ने नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलायी. इनमें से तीन विधायक सुभाष शिरोडकर, दयानंद सोप्ते और जोशुआ डि सिल्वा भाजपा के तथा अतानासियो मोंसरेटे कांग्रेस के हैं. ये सभी राज्य की चार सीटों पर हुए उपचुनाव में निर्वाचित हुए हैं.
शिरोडकर और सोप्ते पिछले साल भाजपा में शामिल हो गये थे जिसकी वजह से क्रमश: शेरोडा और मंद्रेम विधानसभा सीटों पर उपचुनाव कराया गया. पणजी सीट विधायक एवं मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के निधन और मापुसा सीट विधायक एवं पूर्व उप मुख्यमंत्री फ्रांसिस डिसूजा के निधन के कारण रिक्त हुई थी. मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत सहित कई गणमान्य हस्तियों ने विधानसभा परिसर में संपन्न शपथग्रहण समारोह में हिस्सा लिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि भले ही उनकी पार्टी की संख्या सदन में बढ़ गयी हो, लेकिन उनकी सरकार गठबंधन के किसी भी सहयोगी को नहीं हटायेगी.
उन्होंने कहा, राज्य सरकार गोवा फॉरवर्ड पार्टी और निर्दलीय विधायकों सहित गठबंधन सहयोगियों के साथ अपना कार्यकाल पूरा करेगी. सावंत ने पूछा, अगर एमजीपी सरकार को बिना शर्त समर्थन देती रही तो मैं उन्हें समर्थन वापस लेने को क्यों कहूंगा. गोवा विधानसभा में सत्तारूढ़ भाजपा के 17 विधायक हैं. इनमें तीन नवनिर्वाचित विधायक और 2017 के चुनाव परिणाम के बाद कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आये विश्वजीत राणे भी शामिल हैं. सदन में कांग्रेस के 15 सदस्य हैं.
भाजपा की सहयोगी गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) के विधायकों की संख्या तीन है और गठबंधन की एक अन्य घटक महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी का एक विधायक है. राकांपा का भी एक विधायक है. शेष तीन निर्दलीय विधायक हैं. प्रमोद सावंत सरकार को जीएफपी, एमजीपी और निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त है.