नयी दिल्ली : इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया (पीसीआई) के डॉक्टर ऑफ फार्मेसी (फार्मा डी) की डिग्री हासिल करने वालों को अपने नाम के पहले ‘डॉ’ लिखने की अनुमति देने के फैसले का यह कहते हुए विरोध किया है कि ‘उपाधियों के संबंध में इस तरह का उल्लंघन अवैध और गैरकानूनी’ है.
आईएमए ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआई) को इस विषय पर लिखते हुये कहा है कि वह इस प्रकार के कदमों के विरोध में है जिसमें स्वास्थ्य क्षेत्र के दूसरे विषयों में प्रशिक्षण पाने वाले चिकित्सा सेवा में आने का प्रयास करते हैं.
आईएमए के अनुसार, यह करना ऐसा ही होगा जैसे कोई अधिवक्ता या इंजीनियर एक शासकीय आदेश के माध्यम से खुद को चिकित्सक कहलाने लगे. आईएमए ने यहां जारी एक बयान में कहा कि ऐसी सामाजिक अराजकता से सिर्फ आम आदमी के मन में भ्रम पैदा होता है.