17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

प्रकाश जावड़ेकर : छात्र राजनीति से लेकर केन्द्रीय मंत्रिमंडल तक का सफर

नयी दिल्ली : छात्र राजनीति से मानव संसाधन विकास मंत्रालय तक के सफर में प्रकाश जावड़ेकर की छवि कर्मठ और जमीन से जुड़े नेता की रही है. पिछली नरेंद्र मोदी सरकार में मानव संसाधन मंत्रालय जैसा महत्वपूर्ण प्रभार संभालने वाले राज्यसभा सदस्य जावडे़कर को इस बार भी कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ दिलायी गयी […]

नयी दिल्ली : छात्र राजनीति से मानव संसाधन विकास मंत्रालय तक के सफर में प्रकाश जावड़ेकर की छवि कर्मठ और जमीन से जुड़े नेता की रही है. पिछली नरेंद्र मोदी सरकार में मानव संसाधन मंत्रालय जैसा महत्वपूर्ण प्रभार संभालने वाले राज्यसभा सदस्य जावडे़कर को इस बार भी कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ दिलायी गयी है.

मोदी सरकार में 2016 में मानव संसाधन विकास मंत्रालय संभालने वाले प्रकाश जावड़ेकर छात्र जीवन से ही भाजपा से जुड़े रहे हैं. केन्द्रीय मंत्री बनने से पहले वह भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता रहे. पुणे में पत्रकार पिता और शिक्षिका माता के घर जन्मे जावड़ेकर अपने स्कूली जीवन में ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े.

सरकारी स्कूलों से शिक्षा पाने वाले जावड़ेकर 1969 में पुणे के एमईएस कॉलेज ऑफ कामर्स से स्नातक की पढ़ाई के दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (एबीवीपी) से जुड़े। कॉलेज के बाद बैंक ऑफ महाराष्ट्र में नौकरी करते हुए भी वह राजनीति और छात्र आंदोलन से जुड़े रहे.

दिसंबर 1975 में उन्होंने कॉलेज छात्रों के साथ मिलकर सत्याग्रह का आयोजन किया और इसके लिए जेल भी गए. जावड़ेकर ने 1981 में बैक ऑफ महाराष्ट्र की नौकरी छोड़ने के बाद सक्रिय राजनीति में कदम रखा और भाजपा में शामिल हुए. वह लगातार महाराष्ट्र में काम करते रहे लेकिन पार्टी में उनका कद मार्च 1989 के ‘संघर्ष रथ’ के दौरान बढ़ा.

भाजपा के इस पहले रथ की अगुवाई और इसके तहत हजारों युवाओं को जुटाने का काम उन्होंने बखूबी किया. लोकसभा चुनाव 2014 के परिणाम आने के बाद लोकसभा सदस्य नहीं होने के बावजूद जावड़ेकर को मंत्री परिषद में शामिल किया गया और तीन महत्वपूर्ण विभागों-पर्यावरण मंत्रालय के स्वतंत्र प्रभार समेत सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और संसदीय कार्य विभाग की जिम्मेदारी दी गई थी.

पर्यावरण मंत्रालय में रहते हुए जावड़ेकर ने खासकर पेरिस में जलवायु परिवर्तन पर भारत का पक्ष पूरी मजबूती से रखा था. 67 वर्षीय जावड़ेकर को जुलाई 2016 में केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय का प्रभार सौंपा गया. अपने दफ्तर के इमारत पर सोलर पैनल लगवाकर उसी का इस्तेमाल करने वाले जावड़ेकर मंत्रिमंडल में जगह पाने से पहले भारतीय प्रेस परिषद, लोक लेखा समिति, रक्षा मामलों की स्थाई समिति सहित कई महत्वपूर्ण समितियों के सदस्य रहे हैं.

वोट के बदले नोट कांड का पर्दाफाश कर उस पूरे घटनाक्रम को लोगों के सामने लाने में भी जावड़ेकर ने अहम भूमिका निभाई थी. उनकी कोशिशों के बाद राजनीति के एक स्याह पक्ष और उससे जुड़े लोगों पर बड़ी कार्रवाई तक बात पहुंची. जावड़ेकर पहली बार 2008 में महाराष्ट्र से राज्यसभा पहुंचे.

2014 में वह दूसरी बार मध्यप्रदेश से संसद के ऊपरी सदन पहुंचे हैं। 2003 में भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता बनकर केन्द्रीय राजनीति में पूर्ण रूप से सक्रिय होने से पहले वह 1995 से 1999 तक महाराष्ट्र राज्य नियोजन बोर्ड के कार्यकारी अध्यक्ष रहे. वह 1990 से 2002 तक 12 साल के लिए पुणे डिविजन ग्रैजुएट सीट से महाराष्ट्र विधान परिषद के सदस्य रहे.

जावड़ेकर 1984 से 1990 तक भारतीय जनत युवा मोर्चा के राष्ट्रीय सचिव और महासचिव रहे. राज्यसभा में बतौर सदस्य वह काफी सक्रिय रहे. 2008 से लेकर 2012 के बीच उन्होंने 12 गैर सरकारी विधेयक राज्यसभा में पेश किए.

प्रकाश जावड़ेकर की पत्नी डॉ. प्राची प्रकाश जावड़ेकर आपातकाल के दौरान आंदोलन में शामिल रहीं और उनके साथ जेल भी गयीं, लेकिन वह सक्रिय राजनीति में नहीं आयीं. वहीं उनके दोनों बेटे डॉ. आशुतोष जावड़ेकर और अपूर्व जावड़ेकर भी राजनीति से काफी दूर हैं. आशुतोष पेशे से डॉक्टर हैं तो अपूर्व सीए हैं.

इसे भी पढ़ें…

#ModiCabinet2 में सबसे चौंकाने वाला रहा एस जयशंकर का नाम, ले सकते हैं सुषमा स्वराज की जगह

स्मृति ईरानी : गांधी परिवार के गढ़ में सेंध लगाकर राजनीतिक गलियारों में बढ़ाया अपना कद

मोदी सरकार में 24 कैबिनेट मंत्री, झारखंड से अर्जुन भी

नरेन्द्र सिंह तोमर : मोदी कैबिनेट में लगातार दूसरी बार बने मंत्री, ऐसा रहा राजनीतिक सफर

#ModiSarkar2 में मंत्री बने अमित शाह, यूं ही नहीं कहे जाते ‘भाजपा के चाणक्य’

#ModiCabinet2 नरेंद्र मोदी : हर मैदान फतह के साथ दूसरी पारी का आगाज

हर्षवर्द्धन : सादगी भरे व्यवहार के कारण सार्वजनिक जीवन में काफी लोकप्रिय हैं ‘डॉक्टर साहब’

पीयूष गोयल : अपने काम से पहचान बनाने वाले गोयल की ‘मार्कशीट’ रही शानदार

पासवान : मंझे हुए राजनेता, जिन्होंने छह प्रधानमंत्रियों के साथ किया काम

रविशंकर : इंदिरा गांधी सरकार के खिलाफ प्रदर्शनों में निभाई थी महत्वपूर्ण भूमिका

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें