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आखिर मोदी सरकार को क्यों पसंद आये विवादों में रहने वाले खेमका

नयी दिल्लीः अशोक खेमका को एनडीए सरकार ने हरी झंडी दे दी है.कैबिनेट सचिव ने प्रधानमंत्री कार्यालय से अशोक खेमका का स्थानांतरण हरियाणा से दिल्ली करने की सिफारिश की है. खेमका पर अपने पद का गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगा था. खेमका कई बार अपने ऊपर लगे आरोपों पर सफाई दे चुके हैं. आईएएस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 15, 2014 4:24 PM

नयी दिल्लीः अशोक खेमका को एनडीए सरकार ने हरी झंडी दे दी है.कैबिनेट सचिव ने प्रधानमंत्री कार्यालय से अशोक खेमका का स्थानांतरण हरियाणा से दिल्ली करने की सिफारिश की है. खेमका पर अपने पद का गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगा था. खेमका कई बार अपने ऊपर लगे आरोपों पर सफाई दे चुके हैं. आईएएस ऑफिसर अशोक खेमका भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने के लिए जाने जाते हैं. उनके तबादले का रिकार्ड बताता है कि किसी भी विभाग में हुई गड़बड़ी को खेमका नजरअंदाज नहीं कर सकते. खेमका के इसी व्यवहार के लिए उन्हें 2011 में (Crusade against Corruption) भ्रष्टाचार के खिलाफ धर्मयुद्द के लिए पुरस्कार दिया गया जिसके तहत खेमका को 10 लाख रुपये मिले. इसके अलावा 2009 में उन्हें आम जनता के काम के लिए भी उन्हें सम्मानित किया जा चुका है.

खेमका की प्रारंभिक शिक्षा

अशोक खेमका का जन्म 30 अप्रेल 1965 को कलकत्ता में हुआ. उन्होंने आईआईटी खड़गपुर से 1988 में बीटेक की पढ़ाई की. कम्पयूटर साइंस में पीएचडी डिग्री हासिल की. खेमका ने एमबीए और अर्थशास्त्र में भी एम. ए किया है. खेमका 1991 बैंच के आइएएस ऑफिसर है. नियुक्ति के बाद से ही खेमका का कई बार तबादला हो चुका है. हरियाणा सरकार ने कई बार खेमका का विभाग बदला इसके अलावा कई बार खेमका का दूसरी जगहों पर भी स्थानांतरण किया गया. अपने 20 साल के करियर में खेमका का लगभग 45 बार तबादलता हो चुका है. खेमका 4 अप्रैल 2013 से हरियाणा में पुरातत्‍व विभाग में कार्यरत है.

खेमका का खुलासा

अशोक खेमका ने वाड्रा और डीएलएफ के बीच जमीन सौदे को लेकर सवाल उठाया था. सोनिया गांधी के दामाद वॉबर्ट वाड्रा के द्वारा किये गये जमीन के सौदे को उजागार किया था. खेमका ने 15 अक्टूबर 2012 को रॉबर्ट वाड्रा की स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी और डीएलएफ यूनिवर्सल के बीच हुई डील को रद्द कर दिया था. जिससे चुनाव के पहले कांग्रेस को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा था. अशोक खेमका ने हरियाणा सरकार से वाड्रा और डीएलएफ मामले में सीबीआई जांच की मांग की जिसके बाद हुड्डा सरकार ने अशोक खेमका पर ही सीबीआई जांच के आदेश दे दिये थे.

खेमका पर आरोप

अशोक खेमका पर हरियाणा सरकार ने कई गंभीर आरोप लगाये. जिसमें पद का गलत इस्तेमाल करने और रार्बट वाड्रा की छवि खराब करने का आरोप लगा. इसके अलावा कई विभिन्न मामलों में हरियाणा सरकार ने खेमका को चार्जशीट किया. हरियाणा सरकार ने चार्जशीट में आरोप लगाया कि आईएएस अधिकारी ने वाड्रा जमीन सौदा रद्द करने के मामले में कानूनों का उल्लघंन किया. चार्जशीट में यह भी आरोप लगाया गया कि उन्होंने वाड्रा को बदनाम करने की कोशिश की. खेमका पर हरियाणा वेयर हाउस और खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के गोदामों में गेलवैल्यूम शीट लगवाने के टेंडर मामले में अनियमितता का आरोप भी लगा. कैग ने यह ऑडिट आरटीआई एक्टिविस्ट रवींद्र कुमार की शिकायत पर किया.

हरियाणा के महालेखा नियंत्रक ने हालांकि पहले यह ऑडिट करने में असमर्थता जाहिर कर दी थी, लेकिन रवींद्र के अनुरोध पर प्रदेश सरकार ने कैग से स्पेशल ऑडिट कराया.रवींद्र ने अपनी शिकायत में बताया कि 21 अप्रैल 2010 को खेमका का तबादला हो गया था और 23 अप्रैल 2010 को उन्होंने करीब छह करोड़ रुपये के काम ऑलाट कर दिए.

राजनीति से रिश्ता

आम आदमी पार्टी ने अशोक खेमका को चुनाव लड़ने के लिए आमंत्रित किया था लेकिन खेमका ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया. अशोक खेमका के मना करने के बाद पार्टी ने भी अपनी ओर से प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि हमने उन्हें भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने के लिए हमारे साथ आने का आग्रह किया था लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया

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