झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा काे नरेंद्र मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री के ताैर पर शामिल किया है. वे झारखंड से एकमात्र मंत्री बनाये गये हैं. वे पार्टी में राष्ट्रीय स्तर पर आदिवासी चेहरा बन कर उभरे है़ं. राजनीतिक गलियारे में मुंडा की कद-काठी बढ़ी है़. उन पर नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने भरोसा जताया है़. कड़े संघर्ष के बाद श्री मुंडा खूंटी से चुनाव जीत कर आये हैं. श्री मुंडा की व्यस्तता के बीच प्रभात खबर के आनंद मोहन और सुनील चौधरी ने उनसे बातचीत की़…
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मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री अर्जुन मुंडा से खास बातचीत: राष्ट्रवाद-विकासवाद के साथ देश बढ़ रहा है आगे
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा काे नरेंद्र मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री के ताैर पर शामिल किया है. वे झारखंड से एकमात्र मंत्री बनाये गये हैं. वे पार्टी में राष्ट्रीय स्तर पर आदिवासी चेहरा बन कर उभरे है़ं. राजनीतिक गलियारे में मुंडा की कद-काठी बढ़ी है़. उन पर नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने […]
-सबसे पहले केंद्रीय मंत्री की नयी भूमिका के लिए आपको बधाई़
आप सबको भी बधाई़ राज्य की जनता और पार्टी के एक-एक कार्यकर्ताओं को बधाई.
-इस नयी जवाबदेही को लेकर अब आप क्या महसूस कर रहे है़ं?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने मेरे जैसे आम कार्यकर्ता पर भरोसा जताया है़. मैं उनका आभारी हू़ं. मैं भाजपा के वरिष्ठ नेता कड़िया मुंडा जी का आभारी हूं. नयी जवाबदेही पर खरा उतरने का हर संभव प्रयास करूंगा.
-केंद्रीय मंत्री के रूप में आपकी प्राथमिकता क्या होगी?
अभी ताे जवाबदेही मिली ही है़. प्रधानमंत्री जी के विजन पर टीम के एक सिपाही की तरह काम करूंगा. प्रधानमंत्री जाे भी जिम्मेवारी देंगे,उसे पूरा करने और खरा उतरने के लिए काेई कसर बाकी नहीं रखूंगा.
-देश और प्रदेश स्तर पर भाजपा ने बड़ी जीत हासिल की. मोदी फैक्टर हावी रहा. आप इस चुनाव को किस रूप में देख रहे हैं?
पूरा देश मोदी मय था. नरेेंद्र मोदी के राष्ट्रवाद व विकास के साथ पूरा देश चल पड़ा है़. झारखंड के चुनाव में भी मोदी जी का पूरा असर रहा़ अब ताे मंत्री के ताैर पर नयी जिम्मेवारी मिली है. प्रधानमंत्री की दिशा-निर्देश पर आगे काम करना है.
-अब थोड़ा आपके लोकसभा चुनाव पर बात हो जाये़ खूंटी में आपके लिए मुश्किलें कैसे खड़ी हो गयी़ं खूंटी का चुनाव थोड़ा अलग दिखा़
खूंटी संसदीय क्षेत्र अलग पहचान रखने वाला क्षेत्र है. ट्राइबल डेंसिटी के साथ-साथ यह भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली है. इसकी अपनी विशिष्टता है. मेरा अनुभव है कि खूंटी में जो मुद्दे उभरे, उनके साथ मैं शुरू से रहा. मैंने हमेशा इस बात का ध्यान रखा कि आदिवासियत और आदिवासी की आवाज कायम रहे. आदिवासी की आवाज सही ढंग से पहुंचे, मैं इसका पक्षधर रहा हू़ं.
-चुनाव में ऐसा कौन सा फैक्टर हावी रहा़
मैं संवेदनशील मुद्दे के साथ हमेशा खड़ा रहा. मैंने आदिवासी भाइयों की आवाज उठायी. ऐसे कई मुद्दे थे, जिसे मैंने समय पर उसके समाधान की दिशा में प्रयास किया. चुनाव में मैंने अनुभव किया कि जिन लोगों ने ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर कभी बात नहीं की, कभी इन विषयों पर अपने विचार नहीं रखे, वे उसका राजनीतिक लाभ लेने लगे़ भ्रम फैलाने में सक्रिय हो गये. मेरा हमेशा जनजातीय समाज के प्रति चिंता को लेकर स्पष्ट दृष्टिकोण रहा है.
-खूंटी में पत्थलगड़ी का असर चुनाव पर भी पड़ा़ इसको आपने महसूस किया या नही़ं
पत्थलगड़ी में मामले में भ्रम फैलाया गया. इसमें सहज व सरल लोग शामिल थे, तो कुछ अस्थिरता को बढ़ावा देने वाले थे. कुछ लोग इसका राजनीतिक लाभ लेना चाहते थे. निर्दोष लोगों के साथ अन्याय ना हो़. हमें सुलझा कर राजनीति करनी है, उलझा कर राजनीति नहीं करनी है.
-खूंटी कड़िया मुंडा की विरासत रही है, उनका आपको भरपूर सहयोग मिला़
कड़िया जी श्रेष्ठ कार्यकर्ता है़. विचारों से परिपक्व है़. पार्टी के निष्ठावान और ईमानदार नेता है़. उन्होंने जितना परिश्रम और क्षेत्र भ्रमण किया, शायद वह अपने चुनाव में भी उतना परिश्रम नहीं किया होगा. आज दाेपहर में भी मैंने शपथ ग्रहण से पूर्व उनसे मुलाकात कर आशीर्वाद लिया.
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