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पाकिस्तान ने बढ़ायी है भारत में गर्मी, बंगाल की खाड़ी देगी राहत

नयी दिल्ली : भीषण गर्मी की चपेट में आये उत्तर भारतीय राज्यों को फिलहाल दो दिनों तक इस स्थिति से राहत मिलने की उम्मीद नहीं है. मौसम विज्ञानियों के मुताबिक, पाकिस्तान से आ रही गर्म पश्चिमी हवाओं ने भीषण गर्मी के दायरे में इस साल पंजाब और हिमाचल प्रदेश को भी ले लिया है. मौसम […]

नयी दिल्ली : भीषण गर्मी की चपेट में आये उत्तर भारतीय राज्यों को फिलहाल दो दिनों तक इस स्थिति से राहत मिलने की उम्मीद नहीं है. मौसम विज्ञानियों के मुताबिक, पाकिस्तान से आ रही गर्म पश्चिमी हवाओं ने भीषण गर्मी के दायरे में इस साल पंजाब और हिमाचल प्रदेश को भी ले लिया है.

मौसम विभाग के उत्तरी क्षेत्र के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ कुलदीप श्रीवास्तव कहते हैं कि उत्तर भारत भीषण गर्मी की चपेट में है. पूर्वोत्तर इलाकों में भारी बारिश की चेतावनी है. लेकिन, यह बिल्कुल सामान्य स्थिति है, क्योंकि हमारे देश में मई के आखिर में मानसूनी हवाएं पूर्वी तट से ही प्रवेश करती हैं. इसलिए पूर्वोत्तर इलाकों में बारिश का दौर शुरू हो जाता है.

इस बीच, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आने वाली गर्म पश्चिमी हवाओं ने उत्तर भारत में राजस्थान, उत्तर प्रदेश सहित अन्य इलाकों में गर्मी का प्रकोप बढ़ा दिया है. उन्होंने कहा कि पंजाब और हिमाचल प्रदेश सहित अन्य पहाड़ी इलाकों में गर्म हवाओं का प्रकोप नयी बात नहीं है. यह बात सही है कि पिछले कुछ दशकों में वैश्विक तापमान की बढ़ोतरी ने भारत के पहाड़ी इलाकों में भी गर्मी के प्रकोप को थोड़ा बढ़ा दिया है. इसे जलवायु परिवर्तन या मौसम में अचानक बदलाव आना नहीं कह सकते. भीषण गर्मी के इस दौर में पहाड़ों पर भी अधिकतम तापमान 35 से 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचता है.

डॉ श्रीवास्तव ने कहा कि मई के पहले दो सप्ताह में दिल्ली सहित उत्तरी इलाकों में बारिश और आंधी ने गर्मी के प्रकोप को महसूस नहीं होने दिया. मौसम के इस उतार-चढ़ाव की वजह पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता थी, जिसका असर 15 मई तक रहा. इसके बाद पश्चिमी विक्षोभ का असर मैदानी इलाकों से जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश सहित अन्य पहाड़ी क्षेत्रों में स्थानांतरित हो गया.

इस बीच, उत्तर भारतीय इलाकों में पाकिस्तान से आने वाली पश्चिमी हवाओं ने गर्मी का प्रकोप बढ़ा दिया, जिसका असर लू और भीषण गर्मी के रूप में इन दिनों दिख रहा है. इन दिनों भारतीय उपमहाद्वीप में समूचे उत्तरी इलाके में बारिश का पूर्ण अभाव है. सूर्य की सीधी किरणें पड़ रही हैं और गर्म पश्चिमी हवाओं के कारण यह इलाका भीषण गर्मी के प्रकोप में होता है.

उन्होंने कहा कि उत्तरी राज्यों में आमतौर पर एक मई तक पश्चिमी विक्षोभ का असर समाप्त हो जाने के कारण इन इलाकों में मई के आरंभ से ही गर्मी का प्रकोप शुरू हो जाता है. इस साल उत्तरी क्षेत्र में पश्चिमी विक्षोभ का असर 15 मई तक रहा. इसलिए गर्मी का प्रकोप मध्य मई के बाद शुरू हुआ. ऐसे में स्वाभाविक है कि इसका असर थोड़ा देर तक रहेगा.

डॉ कुलदीप ने पिछले 24 घंटों में बंगाल की खाड़ी से पूर्वी हवाओं का दौर शुरू हो गया है. ये हवाएं मॉनसून के साथ नमी लाती हैं. हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश सहित आसपास के इलाकों में इनका असर दो दिन बाद दिखने लगेगा. इससे 47 डिग्री के अधिकतम तापमान में चार डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट आयेगी.

रविवार रात से उत्तरी इलाकों में तापमान जरूर कम होगा, लेकिन पूरब से आने वाली नम हवाओं का असर सीमित इलाकों में हाई होने के कारण समूचे उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में गर्मी से बहुत राहत मिलने की उम्मीद नहीं की जानी चाहिए. इस दौरान तीन जून को हरियाणा और दिल्ली के आसपास, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कुछ इलाकों में बूंदाबांदी के कारण गर्मी से मामूली राहत मिलने की उम्मीद रहेगी.

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