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आज रक्षा मंत्री के तौर पर पहली बार सियाचिन ग्लेशियर जाएंगे राजनाथ सिंह, सेना प्रमुख भी रहेंगे साथ
नयी दिल्लीः रक्षा मंत्री के रूप में कार्यभार संभालने वाले राजनाथ सिंह आज पहले दौरे के रूप में सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन ग्लेशियर जाएंगे. दिल्ली से बाहर रक्षा बेस पर यह उनकी पहली यात्रा है. इस दौरान उनके साथ थल सेना अध्यक्ष विपिन रावत भी साथ रहेंगे. यहां के वॉर मेमोरियल पर शहीदों को श्रद्धांजलि […]
नयी दिल्लीः रक्षा मंत्री के रूप में कार्यभार संभालने वाले राजनाथ सिंह आज पहले दौरे के रूप में सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन ग्लेशियर जाएंगे. दिल्ली से बाहर रक्षा बेस पर यह उनकी पहली यात्रा है. इस दौरान उनके साथ थल सेना अध्यक्ष विपिन रावत भी साथ रहेंगे. यहां के वॉर मेमोरियल पर शहीदों को श्रद्धांजलि देने के बाद जवानों से मुलाकात करेंगे. साथ ही आला अधिकारियों से सियाचिन के रक्षा हालात और जवानों की जरूरतों की जानकारी लेंगे. साथ ही घाटी में आतंकवाद निरोधक अभियानों के बारे में भी जानकारी हासिल करेंगे.
रक्षा मंत्री लेह में 14 कोर तथा श्रीनगर में 15 कोर का दौरा करेंगे. वे सबसे पहले लद्दाख में थोसे एयरफील्ड पहुंचेंगे. यहां से वे किसी आपरेशनल बेस में जाएंगे. फिर सियाचिन पहुंचकर सेना के जवानों से रूबरू होंगे. इस दौरान वे जवानों तथा सेना कमांडरों का हौसला बढ़ाएंगे. बता दें कि इससे पहले सियाचिन का दौरा पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर परिकर और निर्मला सीतारमण ने भी किया था.
हिमालयन रेंज में मौजूद सियाचिन ग्लेशियर दुनिया का सबसे ऊंचा युद्ध क्षेत्र है. सियाचिन से चीन और पाकिस्तान दोनों देशों पर नजर रखी जाती है. सर्दियों के मौसम में यहां काफी एवलांच आते रहते हैं. सर्दियों के मौसम में यहां औसतन 1000 सेंटीमीटर बर्फ गिरती है. यहां का न्यूनतम तापमान माइनस 50 डिग्री (-140 डिग्री फॉरेनहाइट) तक हो जाता है.
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