कठुआ सामूहिक दुष्कर्म और हत्याकांड में सुनवाई पूरी, 10 जून को आ सकता है फैसला
जम्मू : जम्मू कश्मीर के कठुआ में आठ साल की बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म और उसकी हत्या के सनसनीखेज मामले में सुनवाई सोमवार को पूरी हो गयी और इस मामले में फैसला 10 जून को आ सकता है जिसमें एक ग्राम प्रधान समेत आठ आरोपी हैं. विशेष सरकारी अभियोजक जे के चोपड़ा ने बताया […]
जम्मू : जम्मू कश्मीर के कठुआ में आठ साल की बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म और उसकी हत्या के सनसनीखेज मामले में सुनवाई सोमवार को पूरी हो गयी और इस मामले में फैसला 10 जून को आ सकता है जिसमें एक ग्राम प्रधान समेत आठ आरोपी हैं.
विशेष सरकारी अभियोजक जे के चोपड़ा ने बताया कि पठानकोट की अदालत में जिला और सत्र न्यायाधीश तेजविंदर सिंह ने घोषणा की कि बंद कमरे में सुनवाई पूरी होने के बाद वह 10 जून को फैसला सुना सकते हैं. अधिकारियों ने कहा कि बचाव पक्ष के वकीलों ने अपनी अंतिम दलीलें दीं जिसके बाद चोपड़ा के नेतृत्व में अभियोजन पक्ष ने संक्षिप्त बयान दिया.
जम्मू से करीब 100 किलोमीटर दूर और कठुआ से 30 किलोमीटर दूर पंजाब के कठुआ में जिला और सत्र अदालत में पिछले साल जून के पहले सप्ताह में रोजाना आधार पर बंद कमरे में सुनवाई शुरू हुई थी.
उच्चतम न्यायालय ने मामले को जम्मू कश्मीर से बाहर स्थानांतरित करने का निर्देश दिया था। इससे पहले कठुआ के वकीलों ने अपराध शाखा के अधिकारियों को मामले में आरोपपत्र दाखिल करने से रोका था. इस मामले ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया था. पन्द्रह पन्नों के आरोपपत्र के अनुसार पिछले साल 10 जनवरी को अगवा की गयी आठ साल की बच्ची को कठुआ जिले के एक छोटे से गांव के मंदिर में कथित तौर पर बंधक बनाकर उसके साथ बलात्कार किया गया.
उसे चार दिन तक बेहोश रखा गया और बाद में उसकी हत्या कर दी गयी. अपराध शाखा ने इस मामले में ग्राम प्रधान सांजी राम, उसके बेटे विशाल, किशोर भतीजे तथा उसके दोस्त आनंद दत्ता को गिरफ्तार किया था. इस मामले में दो विशेष पुलिस अधिकारियों दीपक खजुरिया और सुरेंद्र वर्मा को भी गिरफ्तार किया गया.
सांजी राम से कथित तौर पर चार लाख रुपये लेने और महत्वपूर्ण सबूतों को नष्ट करने के मामले में हैड कांस्टेबल तिलक राज एवं एसआई आनंद दत्ता को भी गिरफ्तार किया गया. जिला और सत्र न्यायाधीश ने आठ आरोपियों में से सात के खिलाफ दुष्कर्म और हत्या के आरोप तय किये हैं.
किशोर आरोपी के खिलाफ मुकदमा अभी शुरू नहीं हुआ है और उसकी उम्र संबंधी याचिका पर जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय सुनवाई करेगा. अगर आरोपियों को दोषी करार दिया जाता है तो कम से कम उम्रकैद और अधिकतम मौत की सजा सुनाई जा सकती है.