नयी दिल्ली : भारत के मोस्ट वांटेड जमात-उद-दावा के सरगना हाफिज सईद और देश के जानेमाने पत्रकार वेद प्रताप वैदिक की मुलाकात से चौतरफा हंगामा जारी है. संसद से लेकर सड़क तक विरोध किया जा रहा है. भाषा के संपादक रहे वैदिक अब इस मामले में अपने को अकेला खड़ा पा रहे हैं.
संसद में जहां विपक्ष इस मामले में मोदी सरकार पर निशाना साध रही है,वहीं सरकार इस मामले में केंद्र की भूमिका से इनकार करते हुए भेंट की निंदा की है. वैदिक के पक्ष में अगर कोई शख्स खड़ा है तो वह हैं बाबा रामदेव. योग गुरु बाबा रामदेव ने वैदिक और हाफिज की मुलाकात को सही ठहराते हुए कहा था कि पत्रकार वैदिक ने हाफिज सईद का हृदय परिवर्तन करने गये थे.
इधर इस मुलाकात से दोनों मुल्कों के बीच एक नयी विवाद को जन्म दे दिया है. सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान खुफिया विभाग के अनुमती के बगैर कोई भी शख्स हाफिज सईद से भेंट नहीं कर सकता है. इसके पिछे किसका हाथ हो सकता है यह तय कर पाना मुश्किल लगता है,लेकिन कहा यह भी जा रहा है कि वैदिक और सईदकीभेंट में सूचनाओं का आदान-प्रदान जरूर हुआ होगा. हो सकता है कि वैदिक के जरिये हाफिज ने भारत के लिए कुछ संदेश भेजा हो.
* भारत के खिलाफ कड़े तेवर रहे हैं हाफिज के
मुंबई हमला का मास्टर माइंड हाफिज सईद भारत का नंबर वन दुश्मन माना जाता है. सईद भारत के विरोध में बयान देता रहा है. कुछ दिनों पहले हाफिज ने बयान दिया था कि भारत के खिलाफ निर्णायक युद्ध के लिए तैयारी की जा रही है. मोस्ट वांटेड हाफिज के निशाने पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी हैं. सईद ने मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद भी विरोधी बयान दिया था.
* कश्मीर की आजादी वाले बयान ने किया आग में घी का काम
2 जून को पाकिस्तान में हुए हाफिज सईद और देश के वरिष्ठ पत्रकार वेद प्रताप वैदिक की मुलाकात के बाद देश की राजनीति में भूचाल पैदा कर दिया. लेकिन इस मामले में घी डालने का काम किया वैदिक का पाकिस्तानी मीडिया को दिया गया साक्षात्कार. वैदिक ने पाकिस्तानी न्यूज चैनल डॉन को दिये इंटरव्यू में कश्मीर को आजाद करने की बात कर दी. उन्होंने कश्मीर पर पूछे गये सवाल पर कहा कि भारत को इस मामले में पहल करने की जरूरत है. और दोनों कश्मीर को मिलाकर आजाद कर देना चाहिए. वैदिक के इस बयान के बाद तो मानो भारत में सुनामी ला दिया. कश्मीर भारत और पाकिस्तान दोनों मुल्कों के लिए अहम है. दोनों ही मुल्क इसपर अपनी-अपनी दावेदारी पेश करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ा है. वैसे में कोई व्यक्ति कश्मीर को आजाद मुल्क बनाने की बात कहे तो हंगामातोलाजमी है.