दुनिया के एक तिहाई गरीब भारत में
नयी दिल्ली: एक ओर जहां भारत 2020 तक विकसित देश बनने का सपना देख रहा है वहीं संयुक्त राष्ट्र संघ का यह रिपोर्ट भारत के लिए एक चुनौती है. रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया के बेहद गरीब लोगों में से एक तिहाई भारत में रहते हैं तथा यहां पांच साल से कम उम्र […]
नयी दिल्ली: एक ओर जहां भारत 2020 तक विकसित देश बनने का सपना देख रहा है वहीं संयुक्त राष्ट्र संघ का यह रिपोर्ट भारत के लिए एक चुनौती है. रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया के बेहद गरीब लोगों में से एक तिहाई भारत में रहते हैं तथा यहां पांच साल से कम उम्र में मौत के मामले सबसे अधिक होते हैं. सहस्राब्दि विकास लक्ष्यों से जुडी संयुक्त राष्ट्र की ताजा रिपोर्ट में यह दावा किया गया है.
केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री नजमा हेपतुल्ला ने यहां यह रिपोर्ट जारी की. उन्होंने बताया कि रिपोर्ट के तथ्य नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के लिए चुनौती हैं और वह इससे निपटने में सफल रहेगी.
नजमा ने कहा, ‘‘अच्छे दिन आएंगे.’’ उन्होंने गरीबी उन्मूलन के प्रति प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता और ‘सबका साथ, सबका विकास’ नारे का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘हमने जो कुछ किया है उस पर गर्व नहीं करना है. गरीबी सबसे बडी चुनौती है. मुझे भरोसा है कि जब अगली रिपोर्ट आएगी तो हम इससे बेहतर होंगे.’’ मंत्री ने कहा कि रिपोर्ट में मानव विकास के मानकों से जुडे आंकडे दुनिया के अलग अलग क्षेत्रों के लिए अलग हैं, लेकिन भारत के संदर्भ में जो आंकडे दिए गए हैं वह प्रशंसनीय नहीं हैं.
नजमा का संयुक्त राष्ट्र कार्यक्रम के साथ लंबा जुडाव रहा है और अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली राजग सरकार के दौरान वह इसमें करीब से शामिल थीं.