कठुआ गैंगरेप मामले में सजा का ऐलान तीन दोषियों को उम्रकैद और तीन को पांच साल की सजा

पठानकोट (पंजाब) : जम्मू कश्मीर के कठुआ गैंगरेप मामले में आज यहां की विशेष अदालत ने सात आरोपियों में से छह को दोषी करार दिया और उनके लिए सजा का ऐलान भी कर दिया. कोर्ट ने तीन दोषियों को उम्रकैद और तीन को पांच साल की सजा सुनाई है.कोर्ट ने दोषियों में से सांझी राम, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 10, 2019 11:09 AM

पठानकोट (पंजाब) : जम्मू कश्मीर के कठुआ गैंगरेप मामले में आज यहां की विशेष अदालत ने सात आरोपियों में से छह को दोषी करार दिया और उनके लिए सजा का ऐलान भी कर दिया. कोर्ट ने तीन दोषियों को उम्रकैद और तीन को पांच साल की सजा सुनाई है.कोर्ट ने दोषियों में से सांझी राम, प्रवेश कुमार और दीपक खजुरिया को उम्रकैद की सजा सुनायी है, जबकि तीन पुलिसवालों को पांच साल की सजा सुनायी गयी है.साक्ष्यों को नष्ट करने के लिए पुलिस उपनिरीक्षक आनंद दत्ता, हेड कांस्टेबल तिलक राज और विशेष पुलिस अधिकारी सुरेंद्र वर्मा को पांच वर्ष कैद की सजा सुनाई गयी, साथ ही उनपर 50 हजार का जुर्माना भी लगाया गया है. जुर्माना ना देने की स्थिति में इन्हें छह महीने और जेल में रहना पड़ेगा.

वकीलों ने बताया कि जिस मंदिर में अपराध हुआ था वहां की देखभाल करने वाले सांझी राम, विशेष पुलिस अधिकारी दीपक खजुरिया और एक अन्य आरोपी प्रवेश कुमार को आपराधिक साजिश, हत्या, अपहरण, सामूहिक बलात्कार, साक्ष्यों को नष्ट करना, पीड़िता को नशीला पदार्थ खिलाना और साझी मंशा के तहत अपराध को अंजाम देने का दोषी करार दिया गया. उन्होंने बताया कि उन्हें आजीवन कारावास की सजा के साथ हत्या के लिए प्रत्येक पर एक- एक लाख रुपये का जुर्माना लगाने के साथ ही सामूहिक बलात्कार के लिए 25 वर्ष जेल की सजा सुनाई गयी है. उन्होंने बताया कि तीन सहयोगियों पुलिस उपनिरीक्षक आनंद दत्ता, मुख्य आरक्षक तिलक राज और विशेष पुलिस अधिकारी सुरेंद्र वर्मा को साक्ष्य नष्ट करने के लिए पांच वर्ष कैद की सजा सुनाई गयी.

कठुआ गैंगरेप मामले में सजा का ऐलान होने के बाद राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा कि कठुआ गैंगरेप मामले में हमें यह उम्मीद थी कि कोर्ट दोषियों को मृत्युदंड देगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. ऐसे में जम्मू-कश्मीर सरकार को चाहिए कि वह शीर्ष अदालत में अपील करें.

दोषी करार दिये जाने के बाद पीड़िता के वकील मुबिन फारुकी ने मीडिया को बताया कि पठानकोट कोर्ट ने ग्राम प्रधान सांझी राम, आनंद दत्ता, प्रवेश कुमार, दीपक खजुरिया, सुरेंद्र वर्मा और तिलक राज को दोषी करार दिया है, जबकि आरोपी विशाल को कोर्ट ने बरी कर दिया है. विशाल ग्राम प्रधान सांझीराम का बेटा है. हेड कांस्टेबल तिलकराज और सब इंस्पेक्टर आनंद दत्ता को भी दोषी ठहराया गया है जिन्होंने सांझीराम से चार लाख रुपये लिए और अहम सबूत नष्ट कर दिये.गौरतलब है कि इस मामले में आठ आरोपी थे, एक आरोपी नाबालिग है, इसलिए उसके केस की सुनवाई अलग से की जा रही है.

आज सुबह सुनवाई के लिए सातों आरोपियों को पठानकोट कोर्ट लाया गया था. फैसले के मद्देनजर कोर्ट के बाहर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गयी थी, ताकि माहौल शांतिपूर्ण बना रहे.

गौरतलब है कि तीन जून को इस मामले में बंद कमरे में सुनवाई पूरी हुई थी. तब जिला और सत्र न्यायाधीश तेजविंदर सिंह ने घोषणा की थी कि 10 जून को फैसला सुनाया जायेगा.

उन्होंने कहा था कि हालात पर करीब से नजर रखी जाएगी. पंद्रह पन्नों के आरोपपत्र के अनुसार पिछले साल 10 जनवरी को अगवा की गयी आठ साल की बच्ची को कठुआ जिले के एक गांव के मंदिर में बंधक बनाकर उसके साथ दुष्कर्म किया गया. उसे चार दिन तक बेहोश रखा गया और बाद में उसकी हत्या कर दी गयी थी.

मामले में रोजाना आधार पर सुनवाई पड़ोसी राज्य पंजाब के पठानकोट में जिला और सत्र अदालत में पिछले साल जून के पहले सप्ताह में शुरू हुई थी. उच्चतम न्यायालय ने मामले को जम्मू कश्मीर से बाहर भेजने का आदेश दिया था जिसके बाद जम्मू से करीब 100 किलोमीटर और कठुआ से 30 किलोमीटर दूर पठानकोट की अदालत में मामले को भेजा गया.

शीर्ष अदालत का आदेश तब आया जब कठुआ में वकीलों ने अपराध शाखा के अधिकारियों को इस सनसनीखेज मामले में आरोपपत्र दाखिल करने से रोका था. इस मामले में अभियोजन दल में जे के चोपड़ा, एस एस बसरा और हरमिंदर सिंह शामिल थे. अपराध शाखा ने इस मामले में ग्राम प्रधान सांजी राम, उसके बेटे विशाल, किशोर भतीजे तथा उसके दोस्त आनंद दत्ता को गिरफ्तार किया था.

इस मामले में दो विशेष पुलिस अधिकारियों दीपक खजुरिया और सुरेंद्र वर्मा को भी गिरफ्तार किया गया है. सांझी राम से कथित तौर पर चार लाख रुपये लेने और महत्वपूर्ण सबूतों को नष्ट करने के मामले में हैड कांस्टेबल तिलक राज एवं एसआई आनंद दत्ता को भी गिरफ्तार किया गया था.

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