नयी दिल्ली : केंद्र सरकार उप-सचिव और निदेशक स्तर के कुछ पदों पर निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों को नियुक्त करने की योजना बना रही है. सरकारी फैसले की प्रक्रिया में ये पद काफी महत्वपूर्ण माने जाता है. अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी. आम तौर पर इन पदों को आईएएस जैसी समूह क की सेवाओं और केंद्रीय सचिवालय सेवा के अधिकारियों की प्रोन्नति से भरा जाता है.
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अधिकारियों ने कहा कि कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के सचिव सी चंद्रमौली ने विभाग के अधिकारियों को विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञता रखने वाले निजी क्षेत्र के अधिकारियों को उप-सचिव और निदेशक स्तर के पदों पर भर्ती करने के औपचारिक प्रस्ताव तैयार करने को कहा है. अधिकारियों ने कहा कि शुरू में ऐसे कुल 40 अधिकारियों को नियुक्त किया जा सकता है.
नीति आयोग ने एक रिपोर्ट में यह रेखांकित किया है कि यह जरूरी है कि विशेषज्ञों को सीधे उच्च पदों पर निश्चित अवधि के अनुबंध पर व्यवस्था में शामिल किया जाए. अधिकारियों ने कहा कि आयोग भी उप-सचिव से लेकर संयुक्त सचिव तक के विभिन्न पदों पर विशेषज्ञों के नियुक्त करने पर विचार कर रहा है. उसने कहा कि सलाहकारों की नियुक्ति पहले भी होती रही है, लेकिन इन विशेषज्ञों को अगर शामिल किया जाता है, उनका स्तर सरकारी सेवाओं के जरिये आने वाले अधिकारियों के समरूप होगा. निजी क्षेत्र से विशेषज्ञों की नियुक्ति को लेकर जल्दी ही विज्ञापन जारी किया जा सकता है.
संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने इस साल अप्रैल में संयुक्त सचिव पद पर निजी क्षेत्र के नौ विशेषज्ञों का चयन किया. आयोग भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) समेत अन्य सेवाओं के लिए सिविल सेवा परीक्षा आयोजित करता है. कार्मिक मंत्रालय ने पिछले साल जून में संयुक्त सचिव स्तर के पदों पर सीधी नियुक्ति को लेकर आवेदन मंगाये थे. सरकारी विज्ञापन के जवाब में कुल 6,077 आवेदन मिले थे.