नयी दिल्ली : प्रगतिशील सोच के साथ विगत कुछ वर्षों से हमारे समाज में समलैंगिकों को अधिकार देने की वकालत की जा रही है. इसी क्रम में आज स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि समलैंगिकों के अधिकारों की रक्षा करना सरकार की जिम्मेदारी है.
उन्होंने कहा, समलैंगिकों समेत सभी के मानवाधिकार हैं और उनकी रक्षा करना सरकार की जिम्मेदारी है. हालांकि जब उनसे पूछा गया कि उनकी पार्टी भाजपा उच्च्तम न्यायालय द्वारा समलैंगिकों के बीच शारीरिक संबंधांे को भारतीय दंड संहिता की धारा 377 के तहत अपराधिक कृत्य ठहराए जाने के फैसले का समर्थन करती है और इस बारे में उनकी स्थिति क्या है तो उन्होंने इस संबंध में आगे किसी भी तरह की टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.
पिछले साल जब न्यायालय का यह फैसला आया उस समय भाजपा विपक्ष में थी और उसने कहा था कि इस संबंध में सरकार को निर्णय लेना चाहिए और पार्टी उस आधार पर ही अपना रुख अख्तियार करेगी.फिलहाल उच्चतम न्यायालय इस मामले में एक सुधारात्मक याचिका पर सुनवाई कर रहा है.
वरिष्ठ भाजपा नेता इस मुद्दे पर अलग-अलग सुर अपनाते रहे हैं और तब के भाजपा अध्यक्ष तथा वर्तमान गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने समलैंगिक संबंधों को अप्राकृतिक बताया था.
अन्य वरिष्ठ नेता और वर्तमान वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस पर थोडा उदार रुख अपनाते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय के समलैंगिक संबंधों को अपराधमुक्त बनाने के फैसले का समर्थन किया था। दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले को बाद में शीर्ष अदालत ने पलट दिया था.