हैदराबाद : वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ ने शनिवार को कहा कि भारतीय वायुसेना अरुणाचल प्रदेश में हाल में दुर्घटनाग्रस्त हुए एएन-32 विमान हादसे के कारणों का पता लगाकर यह सुनिश्चित करेगी कि ऐसे हादसे फिर नहीं हों. उनकी यह टिप्पणी अरुणाचल प्रदेश के दूर-दराज के इलाके में वायुसेना के विमान का मलबा मिलने के कुछ दिन बाद आयी है. हादसे के वक्त विमान में 13 लोग सवार थे और सभी की मौत हो गयी.
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उन्होंने यहां के पास डूंडीगल में वायुसेना अकादमी में संयुक्त स्नातक परेड से इतर संवाददाताओं से कहा कि हमें फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर मिल गये हैं. हम इस बात की विस्तृत जांच करेंगे कि क्या हुआ और यह सुनिश्चित करेंगे कि ऐसा दुबारा नहीं हो. वह अरुणाचल प्रदेश में एएन-32 परिवहन विमान हादसे से संबंधित एक सवाल का जवाब दे रहे थे.
उन्होंने दावा किया कि अरुणाचल प्रदेश में इलाके बेहद दुर्गम हैं और वहां अधिकतर बादल छाये रहते हैं. जब आप उस क्षेत्र में बादलों वाले ऐसे मौसम में उड़ान भरते हैं, तो वहां दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है. ऐसी प्रक्रियाएं हैं, जिनसे यह सुनिश्चित हों कि इस तरह की घटनाएं फिर न हों. इसका जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि …यह समीक्षा करने की जरूरत है कि क्या हुआ और हमें ऐसे हादसे का फिर सामना न करना पड़े.
रूसी मूल का यह विमान तीन जून की दोपहर असम के जोरहाट से अरुणाचल प्रदेश के मेंचुका के लिये उड़ान भरने के करीब 33 मिनट बाद लापता हो गया था. करीब आठ दिनों तक चलाये गये व्यापक तलाशी अभियान के बाद वायुसेना के एक हेलीकॉप्टर द्वारा सबसे पहले सियांग और शी-योमी जिलों की सीमा पर 12 हजार फुट की ऊंचाई से मंगलवार को विमान का मलबा देखा गया. विमान में सवार सभी 13 लोगों की जान चली गयी थी. वायुसेना अकादमी में अपने संबोधन में धनोआ ने कहा कि यह संस्थान हमेशा उनके दिल के करीब रहा है, क्योंकि 41 साल पहले वह यहीं से पास हुए थे.