दिग्विजय की हार पर जल समाधि की घोषणा करने वाले बाबा पुलिस की नजरों में

भोपाल : बाबा वैराग्यनंद गिरी महाराज के रविवार को यहां आने के बाद मध्यप्रदेश पुलिस लगातार उनकी निगरानी कर रही है. हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में बाबा ने भोपाल सीट से कांग्रेस उम्मीदवार दिग्वियज सिंह की जीत का दावा किया था और ऐसा नहीं होने पर जल समाधि लेने की घोषणा की थी. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 16, 2019 8:41 PM

भोपाल : बाबा वैराग्यनंद गिरी महाराज के रविवार को यहां आने के बाद मध्यप्रदेश पुलिस लगातार उनकी निगरानी कर रही है. हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में बाबा ने भोपाल सीट से कांग्रेस उम्मीदवार दिग्वियज सिंह की जीत का दावा किया था और ऐसा नहीं होने पर जल समाधि लेने की घोषणा की थी.

अपनी इसी घोषणा के तहत बाबा ने 14 जून को जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर रविवार दोपहर 2.11 मिनट के महुर्त पर जल समाधि लेने की अनुमति मांगी थी. हालांकि, भोपाल कलेक्टर तरुण कुमार पिथोड़े ने इसकी अनुमति देने से इनकार कर दिया और पुलिस को बाबा के जानमाल की सुरक्षा करने को कहा.

इसके तहत भोपाल के बड़े तालाब पर शीतलदास की बगिया पर पुलिसकर्मी तैनात थे. बाबा आज दोपहर 2.11 बजे के तय महुर्त पर जल समाधि लेने तालाब में नहीं पहुंच सके क्योंकि पुलिस ने उन्हें होटल से नहीं निकलने दिया. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बाबा को जल समाधि लेने नहीं दिया जा सकता और इसकी अनुमति भी नहीं दी जायेगी क्योंकि इस प्रकार की अनुमति देने का कोई प्रावधान ही नहीं है.

बाबा के अधिवक्ता माजिद अली ने कहा कि गुवाहटी के कामाख्या मंदिर में तपस्या के बाद बाबा आज सुबह भोपाल हवाई अड्डे पर उतरे हैं और इसके बाद से ही पुलिस लगातार उनकी निगरानी कर रही है. मालूम हो कि दिग्विजय को जिताने के लिए यज्ञ करते समय बाबा वैराग्यनंद ने ऐलान किया था कि यदि सिंह लोकसभा चुनाव में भोपाल सीट से चुनाव नहीं जीते तो वह (बाबा वैराग्यनंद) समाधि ले लेंगे.

उनकी इस घोषणा के बाद निरंजनी अखाड़े ने उन्हें राजनीति करने के आरोप में अखाड़े से निष्कासित कर दिया. बाबा वैराग्यनंद ने रविवार को भोपाल में संवाददाताओं से कहा कि अपनी घोषणा के अनुसार वह जल समाधि लेना चाहते हैं लेकिन प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी है.

उन्होंने कहा कि वह एक दफा फिर प्रशासन से इसकी अनुमति मांगगे. इस चुनाव में दिग्विजय सिंह को भाजपा की प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने 3.64 लाख से अधिक मतों से बुरी तरह से पराजित कर दिया, जिसके बाद बाबा वैराग्यनंद से समाधि लेने को लेकर काफी सवाल उठने लगे थे और फिर वह अचानक गायब हो गए थे.

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