ब्यूरो, नयी दिल्ली
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने पहली बार मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि नये सांसदों को सदन में बोलने का पूरा मौका दिया जायेगा. नियमों और प्रक्रिया के दायरे में सभी सदस्यों के अधिकारों का संरक्षण करने की कोशिश होगी. भारतीय लोकतंत्र विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है. देश के 91 करोड़ लोगों ने खासकर 44 करोड़ महिलाओं ने भीषण गर्मी में उत्साह व उमंग के साथ मतदान कर लोकतंत्र मे अपना विश्वास जताया है. ऐसे में हमें संविधान की सच्ची भावना और जनता की आशाओं और आकांक्षाओं को ध्यान में रखते हुए लोकतांत्रिक व्यवस्था को बेहतर तरीके से चलाना है.
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि लोकतंत्र में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व बेहद जरूरी है. संसद की गरिमा बनाये रखना संसदीय प्रणाली की सबसे जरूरी चीज है. मीडिया की भूमिका पर बोलते हुए स्पीकर ने कहा कि संसदीय प्रणाली में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका है. ऐसे में मीडियाकर्मियों को सदन में होने वाली सार्थक चर्चा और बहस को प्रमुखता से जगह देनी चाहिए. इससे सांसदों का मनोबल बढ़ेगा और साथ ही संसद की गरिमा भी बढ़ेगी.
उन्होंने संसदीय लाइब्रेरी को आधुनिक बनाने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि इसकी सेवाओं को डिजिटाइजेशन के माध्यम से आधुनिक बनाया जायेगा. ताकि यह विश्व की सर्वश्रेष्ठ लाइब्रेरी में शुमार हो सके. उन्होंने संसदीय समितियों को मजबूत करने की भी बात कही. अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर लोकसभा अध्यक्ष ने केंद्रीय मंत्रियों, 134 सांसदों और लोकसभा तथा राज्यसभा सचिवालय के अधिकारियों के साथ योग किया.
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि संसद की जो गरिमा है उसे और अधिक मजबूत किया जायेगा. संसद में काम-काज सुचारू रूप से चले इसे लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ने अपनी सहमति दी है.