नड्डा ने पंडित नेहरु पर श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मौत की जांच का आदेश नहीं देने का आरोप लगाया
नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने रविवार को श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. इस अवसर पर पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू पर श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मौत के मामले में जांच का आदेश नहीं […]
नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने रविवार को श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. इस अवसर पर पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू पर श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मौत के मामले में जांच का आदेश नहीं देने का आरोप लगाया है.
नड्डा ने जोर दिया कि पूरा देश डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मौत की जांच की मांग कर रहा था, लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने जांच का आदेश नहीं दिया था, इतिहास इसका गवाह है. उन्होंने कहा कि डॉ. मुखर्जी का बलिदान बेकार नहीं जाएगा. गौरतलब है कि 23 जून 1953 को डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मृत्यु हो गयी. नड्डा ने कहा कि 22 जून को डा. मुखर्जी की तबियत बिगड़ गई और 23 जून को संदिग्ध परिस्थितियों में उनका देहांत हो गया.
तब सारे देश में इसे लेकर आंदोलन हुआ, यह प्रश्न उठा कि जिन डा. मुखर्जी ने अच्छी सेहत के साथ जम्मू में प्रवेश किया था, उनका एकाएक निधन कैसे हो गया. भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि सारे देश में जांच की मांग उठी, उनकी माताजी ने भी जांच की मांग की, लेकिन पंडित नेहरू ने कोई जांच नहीं करायी.
उन्होंने कहा कि हमें पीड़ा होती है, उस समय हम छोटी पार्टी थे, लेकिन देश की आवाज थे, हमारी आवाज को दबाने की कोशिश की गई. भाजपा मुख्यालय में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं गृह मंत्री अमित शाह एवं जे पी नड्डा ने भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रद्धांजलि देते हुए ट्वीट किया कि ‘बालिदान दिवस पर याद करते हुए एक देशभक्त और गर्वित राष्ट्रवादी डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने भारत की एकता और अखंडता के लिए अपना जीवन समर्पित किया. एक मजबूत और एकजुट भारत के लिए उनका जुनून हमें प्रेरित करता है और हमें 130 करोड़ भारतीयों की सेवा करने की ताकत देता है.’इस अवसर पर अमित शाह ने अपने ट्वीट में कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के लिए सिर्फ राष्ट्र सर्वोपरि था इसीलिए उन्होंने सत्ता का त्याग कर देश की एकता और अखंडता के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया.
उन्होंने कहा कि एक देश में दो विधान, दो प्रधान और दो निशान के विरुद्ध डॉ. मुखर्जी ने स्वतंत्र भारत का पहला राष्ट्रवादी आंदोलन छेड़ा था. शाह ने दावा किया कि भारत के पुनर्निर्माण के उद्देश्य से डॉ. मुखर्जी ने जनसंघ की स्थापना की थी. आज यदि हम जम्मू-कश्मीर में बिना परमिट के जा सकते हैं और पश्चिम बंगाल भारत का अभिन्न अंग है तो उसके पीछे डॉ. मुखर्जी का बलिदान है. उन्होंने कहा कि ऐसे अभिजात देशभक्त के बलिदान दिवस पर उनके चरणों में कोटि-कोटि वंदन.