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राजस्थान का कालू थाना भारत का सबसे अच्छा पुलिस स्टेशन, जानिये टॉप 10 के बारे मे

बीकानेरः राजस्थान के बीकानेर जिले में स्थित कालू थाना को देश भर के पुलिस थानों में सबसे अच्छा माना गया है. कालू पुलिस स्टेशन को नंबर वन की रैकिंग हासिल हुई है. राजस्थान के कालू थाने में पुलिस कर्मियों के लिए सभी बुनियादी सुविधाओं के साथ ही विमिन हेल्प डेस्क, पीने के पानी की सुविधा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 26, 2019 10:32 AM
बीकानेरः राजस्थान के बीकानेर जिले में स्थित कालू थाना को देश भर के पुलिस थानों में सबसे अच्छा माना गया है. कालू पुलिस स्टेशन को नंबर वन की रैकिंग हासिल हुई है. राजस्थान के कालू थाने में पुलिस कर्मियों के लिए सभी बुनियादी सुविधाओं के साथ ही विमिन हेल्प डेस्क, पीने के पानी की सुविधा और वाई-फाई सर्वर का इंतजाम है.
मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने देशभर के थानों के बारे में मिले फीडबैक के आधार पर वर्ष 2018 के लिए यह रैंकिंग जारी की है. अपराधों पर रोकथाम, जांच, मामलों का निपटारा, कम्यूनिटी पुलिसिंग और कानून-व्यवस्था बनाए रखने जैसे मापदंडों के संबंध में थानों के प्रदर्शन को इस रैंकिंग का आधार बनाया गया है. थानों के इंफ्रास्ट्रक्चर और वहां तैनात पुलिस कर्मियों के प्रदर्शन के बारे में नागरिकों से मिले फीडबैक के बाद करीब 20 प्रतिशत अंक दिए गये. अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के निकोबार जिले में स्थित कैंपबेल बे पुलिस थाने को दूसरी रैंक हासिल हुई है.
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले का फरक्का थाना देश के सर्वश्रेष्ठ पुलिस थानों की लिस्ट में तीसरे नंबर पर है. टॉप 10 में पुडुचेरी का नेट्टापक्कम, कर्नाटक के धारवाड़ का गुडागेरी, शिमला का चोपाल, राजस्थान के बूंदी का लाखेरी, तमिलनाडु के थेनी का पेरियाकुलम, उत्तराखंड के पिथौरागढ़ का मुनस्यारी और गोवा का कर्चोरेम थाना शामिल है. 2018 की इस रैंकिंग में 15,666 पुलिस थानों से फीडबैक लिया गया. कैंपबेल बे पुलिस स्टेशन में भी महिलाओं के लिए अलग हेल्प डेस्क, चाइल्ड फ्रेंडली रूम, एक आईटी रूम और फरियादियों के लिए वेटिंग एरिया की सुविधा दी गयी है.
बंगाल के फरक्का पुलिस थाने में एयर कंडीशनर के साथ ही जिम और प्लेग्राउंड का इंतजाम है, जिससे पुलिस और जनता के बीच खुशमय माहौल बनता है. यहां सीसीटीवी कैमरा, फायर सेफ्टी उपकरण और ऑक्सिजन सिलिंडर भी मौजूद हैं. 2018 के सर्वे में देशभर के पुलिस थानों को शॉर्ट लिस्ट करने के बाद महिलाओं और एससी-एसटी के खिलाफ अपराध और संपत्ति से जुड़े मामलों में कार्रवाई के आधार पर थानों का मूल्यांकन किया गया। थानों में दर्ज एफआईआर के 60 दिन के अंदर चार्जशीट दाखिल करने के आधार पर नंबर दिए गए.

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