नयी दिल्ली/ब्यूरो : अर्द्धसैनिक बलों को शहीद का दर्जा देने की मांग और सेवा के दौरान घायल एवं दिव्यांग जवानों की पेंशन पर लगने वाले टैक्स लगाये जाने के मसले पर गुरुवार को लोकसभा में कांग्रेस के नेताओं ने हंगामा किया. 17वीं लोकसभा के बजट सत्र के दौरान यह पहला ऐसा मौका है, जब कांग्रेस के नेताओं ने अपनी मांगों और मुद्दों को लेकर अध्यक्ष के आसन के समक्ष हंगामा किया.
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शून्यकाल के दौरान कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने सेवा के दौरान घायल एवं निशक्त हुए जवानों को मिलने वाली पेंशन पर टैक्स लगाने के हाल में जारी सीबीडीटी के सर्कुलर का मुद्दा उठाया और आतंकी कार्रवाई में मारे गये अर्धसैनिक बलों को शहीद का दर्जा देने की मांग की. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने जब चौधरी को बाद में यह मुद्दा उठाने को कहा, तो कांग्रेस सदस्य उनके आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे. कांग्रेस के सदस्यों ने आरोप लगाया कि सरकार बात छिपाने के लिए जवाब देने से बच रही है. हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही चलती रही.
हालांकि, लोकसभा अध्यक्ष ने प्रश्नकाल की समाप्ति के बाद कांग्रेस संसदीय दल के नेता चौधरी को अपनी बात रखने का मौका दिया. उन्होंने कहा कि सरकार रक्षा बलों के नाम पर वोट मांग कर सत्ता में आयी है, लेकिन ड्यूटी के दौरान दिव्यांग हुए सैनिकों की पेंशन पर टैक्स लगा रही है. इससे सरकार की मंशा का पता चलता है.
इसका जवाब देते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि रक्षा तैयारी और सेना के जवानों के हित उनकी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि वन रैंक, वन पेंशन को लागू कर सरकार ने सैनिकों के हित में कदम उठाने का काम किया है. रक्षा मंत्री ने कहा कि सेना के जवान पिछले 40 साल से वन रैंक, वन पेंशन की मांग कर रहे थे, लेकिन कांग्रेस ने उन्हें गुमराह करने का काम किया. उन्होंने कहा कि अधीर रंजन चौधरी ने जो प्रश्न उठाया है, उसके बारे में जानकारी एकत्र कर वह सदन को अवगत करायेंगे.