गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन बढ़ाने का प्रस्ताव किया पेश
नयी दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को लोकसभा में जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन को बढ़ाने का प्रस्ताव पेश किया. प्रस्ताव पेश करते हुए उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में अभी विधानसभा अस्तित्व में नहीं है, इसलिए चुनाव होने तक वहां राष्ट्रपति शासन को बढ़ाया जाए. शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा […]
नयी दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को लोकसभा में जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन को बढ़ाने का प्रस्ताव पेश किया. प्रस्ताव पेश करते हुए उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में अभी विधानसभा अस्तित्व में नहीं है, इसलिए चुनाव होने तक वहां राष्ट्रपति शासन को बढ़ाया जाए.
शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की तारीख अभी तय नहीं हो सकी है. हालांकि राज्यपाल शासन और राष्ट्रपति शासन के दौरान कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनायी गयी है. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में पंचायत चुनावों के दौरान 4 हजार पंचायतों में 40 हजार पंच चुनने का काम जनता ने किया.
कश्मीर में हालात की चर्चा करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि सूबे के हालात इस समय कंट्रोल में हैं. घाटी में आतंक के खिलाफ कड़े कदम उठाये गये हैं. हमारी भाजपा सरकार ने आतंकवाद की जड़ें उखाड़ फेंकने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी है. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में क्षेत्रीय संतुलन बड़ा मसला है. हालांकि हमारी सरकार के दौरान पहली बार लोगों ने यह महसूस किया कि जम्मू और लद्दाख क्षेत्र भी जम्मू-कश्मीर राज्य का हिस्सा हैं.
गृह मंत्री ने कहा कि कश्मीर में 15 हजार बंकर बनाने का काम जारी है जिनमें से 4400 बंकर बन कर तैयार हो चुके हैं. मैं सदन को भरोसा दिलाता हूं कि तत्कालीन गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने 15 हजार बंकर बनाने की जो समय सारणी तय की है वह समय से पूरा करने का काम सरकार करेगी.
गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में जम्मू-कश्मीर आरक्षण अधिनियम, 2004 का संशोधन करने वाला विधेयक पेश किया है. उन्होंने अपने बयान में कहा कि घाटी में इंटरनैशनल बॉर्डर पर रहने वाले लोगों को आरक्षण मिलना चाहिए. अधिनियम में संशोधन करने से एलओसी के साथ ही एलएसी पर रहने वालों को भी लाभ मिलेगा. उन्होंने कहा कि इससे जम्मू, कठुआ, सांबा के सीमावर्ती इलाकों में रहने वालों को लाभ मिलेगा.
आगे शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर आरक्षण अधिनियम, 2004 में संशोधन करने से एलएसी के पास रहने वाले तकरीबन साढ़े तीन लाख लोगों को इसका लाभ प्राप्त हो सकेगा.