उमर ने घाटी में राष्ट्रपति शासन की अवधि बढ़ाने पर गृह मंत्री की दलील को किया खारिज, जानें क्या कहा…?

श्रीनगर : नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन की अवधि बढ़ाने के लिए संविधान के अनुच्छेद 356 के इस्तेमाल को सही ठहराने संबंधी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की दलील ‘अस्वीकार्य’ है. उनका बयान तब आया है, जब शाह ने जम्मू-कश्मीर में तीन जुलाई से अगले […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 28, 2019 9:09 PM

श्रीनगर : नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन की अवधि बढ़ाने के लिए संविधान के अनुच्छेद 356 के इस्तेमाल को सही ठहराने संबंधी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की दलील ‘अस्वीकार्य’ है. उनका बयान तब आया है, जब शाह ने जम्मू-कश्मीर में तीन जुलाई से अगले छह महीने के लिए राष्ट्रपति शासन की अवधि बढ़ाने के लिए लोकसभा में सांविधिक प्रस्ताव पेश किया.

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बाद में सदन में इस प्रस्ताव पर बहस का जवाब देते हुए गृह मंत्री ने कांग्रेस पर पलटवार किया. उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 356 (राष्ट्रपति शासन) 132 बार लगाया गया है, जिनमें से 93 बार विपक्षी दल ने राज्य सरकारों को बर्खास्त करने के लिए इस्तेमाल किया. अब्दुल्ला ने ट्वीट किया कि इसलिए गृहमंत्री की यह दलील कि चूंकि कांग्रेस ने किसी भी अन्य की तुलना में अधिक बार अनुच्छेद 356 का इस्तेमाल किया है, इसलिए मोदी सरकार भी जम्मू-कश्मीर के लोगों को निर्वाचित सरकार से वंचित रखने में सही है. यह अस्वीकार्य दलील है.

दरअसल, जम्मू-कश्मीर में जून, 2018 में पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार के गिर जाने के बाद से निर्वाचित सरकार नहीं है. इस महीने की शुरुआत में ही चुनाव आयोग ने कहा था कि वह अमरनाथ यात्रा के समापन के बाद राज्य में विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा करेगा. एक जुलाई को शुरू हुई यह यात्रा 15 अगस्त को समाप्त होगी.

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