लोकसभा चुनाव परिणाम राष्ट्रवाद की नहीं, राष्ट्रीय अभिव्यक्ति की जीत है : वैद्य

नयी दिल्ली : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठ नेता मनमोहन वैद्य ने कहा है कि हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी की जीत की व्याख्या वह राष्ट्रवाद की बजाय राष्ट्रीय अभिव्यक्ति के तौर पर करेंगे, क्योंकि राष्ट्रवाद पश्चिम की संल्पना है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की संचार शाखा इंद्रप्रस्थ विश्व संवाद […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 30, 2019 12:54 PM

नयी दिल्ली : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठ नेता मनमोहन वैद्य ने कहा है कि हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी की जीत की व्याख्या वह राष्ट्रवाद की बजाय राष्ट्रीय अभिव्यक्ति के तौर पर करेंगे, क्योंकि राष्ट्रवाद पश्चिम की संल्पना है.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की संचार शाखा इंद्रप्रस्थ विश्व संवाद केंद्र (आइवीएसके) की ओर से शनिवार को आयोजित एक कार्यक्रम में वैद्य ने कहा कि कई समाचार प्रकाशनों ने लोकसभा चुनाव के परिणामों को राष्ट्रीय अभिव्यक्ति की बजाय राष्ट्रवाद की जीत बतायी है.

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सह सरकार्यवाह वैद्य ने कहा, ‘अगर मैं इन प्रकाशनों का संपादक होता, तो मैं लोकसभा चुनाव के नतीजों की व्याख्या राष्ट्रीय अभिव्यक्ति के तौर पर करता.’ उन्होंने राष्ट्रवाद को पश्चिमी अवधारणा बताते हुए कहा कि यह शब्द पश्चिम में राष्ट्रों के विस्तारवादी नजरिये की ओर इशारा करते हैं.

वैद्य ने कार्यक्रम के दौरान यह भी कहा कि हिंदू कभी भी कट्टरपंथी नहीं हो सकते. उन्होंने कहा, ‘हिंदू कभी भी कट्टरपंथी नहीं हो सकते, वे मुखर और आक्रामक हो सकते हैं. यही बात संघ के कार्यकर्ताओं के साथ भी है कि वे भी कट्टरपंथी नहीं हो सकते. वे समर्पित एवं प्रतिबद्ध हो सकते हैं.’

अध्यात्म को भारत की विशेषता बताते हुए वैद्य ने कहा कि सभी धर्मों को एक समान मानना भारत की आध्यात्मिकता है. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि पत्रकार अपने काम के जरिये समाज में बदलाव ला सकते हैं और कहा कि जो बिकता है, वही प्रकाशित करना आदर्श पत्रकारिता का उदाहरण नहीं है.

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