Zaira Wasim Quits Bollywood: ”दंगल” में हार गई ”सीक्रेट सुपरस्टार”…? जानें किसने क्या कहा

मुंबई : अभिनय के पेशे को अलविदा कहने के जायरा वसीम के फैसले पर सोमवार को राजनीतिक गलियारों से लेकर फिल्म उद्योग जगत तक में बहस छिड़ गयी. कुछ लोगों ने जायरा का समर्थन किया तो कुछ ने उनकी यह कहकर आलोचना की कि इस कदम से ‘कट्टरपंथियों को बढ़ावा’ मिलेगा. ‘दंगल’ की अभिनेत्री ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 1, 2019 10:15 PM

मुंबई : अभिनय के पेशे को अलविदा कहने के जायरा वसीम के फैसले पर सोमवार को राजनीतिक गलियारों से लेकर फिल्म उद्योग जगत तक में बहस छिड़ गयी. कुछ लोगों ने जायरा का समर्थन किया तो कुछ ने उनकी यह कहकर आलोचना की कि इस कदम से ‘कट्टरपंथियों को बढ़ावा’ मिलेगा.

‘दंगल’ की अभिनेत्री ने इस पेशे के उनकी आस्था की राह में आड़े आने का हवाला देते हुए अपना फिल्मी करियर छोड़ने का फैसला किया है. कश्मीरी अभिनेत्री के इस फैसले ने देशभर को हैरान कर दिया है और सोशल मीडिया पर बस उनका ही मुद्दा छाया हुआ है. उन्होंने रविवार को फेसबुक पर अपने पोस्ट में फिल्मों को ‘अलविदा’ कहने के अपने फैसले की जानकारी दी थी और सोमवार को उन्होंने अपने इस फैसले को दोहराया.

ट्विटर पर कुछ लोगों के उनका अकाउंट हैक होने की आशंका जताये जाने पर उन्होंने कहा, यह स्पष्ट कर देना चाहती हूं कि मेरा कोई सोशल मीडिया अकाउंट हैक नहीं हुआ है और न ही इससे पहले ऐसा कभी हुआ है क्योंकि इन्हें मैं खुद देखती हूं. कृपया ऐसी अफवाहों से दूर रहें और ऐसे दावों में यकीन करने या उन्हें साझा करने से बचें. शुक्रिया!

तीन फिल्में करने के बाद फिल्मों को अलविदा कहने के वसीम के फैसले पर कई हलकों से प्रतिक्रियाएं आयी हैं. नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला, कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला और शिवसेना की प्रियंका चतुर्वेदी तथा अभिनेत्री रवीना टंडन, अनुपम खेर और लेखक तस्लीमा नसरीन ने इस संबंध में अपने विचार रखे. अब्दुल्ला ने कहा कि किसी को भी वसीम के फैसले पर सवाल उठाने का हक नहीं है. उन्होंने ट्वीट किया, जायरा वसीम की पसंद पर सवाल उठाने वाले हम कौन होते हैं? यह उनका जीवन है, अपने जीवन में वह चाहे जैसे रहें. मैं सिर्फ उन्हें उनकी बेहतरी के लिए शुभकामना दूंगा और उम्मीद करता हूं कि वह जो भी करें उससे उन्हें खुशी मिले.

सुरजेवाला ने कहा कि फिल्मों में काम छोड़ने और सृजनात्मक स्वतंत्रता के वसीम के फैसले का वह स्वागत करते हैं लेकिन आस्था का कलात्मक अभिव्यक्ति से कोई लेना देना नहीं है. उन्होंने ट्वीट किया कि ऐसी टिप्पणी से गुमराह करने वाले या बांटने वाले लोगों को बल मिलता है. पार्टी में उनके सहयोगी मिलिंद देवड़ा ने ट्वीट किया, कुछ पाखंडी लोग अचानक जायरा वसीम और नुसरत जहां को उपदेश देने लगे हैं. यहां दक्षिण मुंबई में मेरे कई हिंदू और जैन मित्र हैं, जिन्होंने अपने गुरुओं और धर्म के नाम पर अपने शानदार करियर तक को छोड़ दिया. आप यह चयन कर सकते हैं कि धर्म आपके करियर या प्रेम जीवन को निर्धारित करता है या नहीं.

उन्होंने नवनिर्वाचित एवं नवविवाहित तृणमूल कांग्रेस सांसद नुसरत जहां का भी जिक्र किया, जिनके ‘सिंदूर’ लगाने और ‘मंगलसूत्र’ पहनने तथा उनके (इस्लाम के) विचारों को नहीं मानने पर कट्टर मुस्लिम मौलाना नुसरत की आलोचना कर रहे हैं. रविवार को फेसबुक पर अपने लंबे-चौड़े पोस्ट में 18 वर्षीय कश्मीरी अभिनेत्री ने कहा कि इस पेशे (फिल्मों) में उन्होंने पांच साल पूरे कर लिये हैं और अब वह कबूल करना चाहती हैं कि अपने इस काम से मिली ‘पहचान से वह वाकई में खुश नहीं हैं.’

वसीम ने अपने पोस्ट में कहा था कि ऐसा लगता है कि वह कुछ बनने के लिये काफी लंबे अर्से से जद्दोजहद कर रही हैं. उन्होंने कहा, इस पेशे ने वैसे तो उन्हें बहुत सारा प्यार, समर्थन और शोहरत दी. लेकिन इस पेशे की वजह से मैं चीजों को अनदेखा भी करने लगी और बड़ी खामोशी से, अनजाने में अपने ‘ईमान’ से भटकने लगी. मेरे धर्म के साथ मेरा रिश्ता खतरे में था. अभिनेत्री की हालिया फिल्म ‘स्काई इज पिंक’ है. इससे पहले वह ‘दंगल’ और आमिर खान की ‘सीक्रेट सुपरस्टार’ में नजर आ चुकी हैं.

लेखिका तस्लीमा नसरीन ने कहा कि लोग वसीम के चयन के अधिकार को लेकर बहस कर रहे हैं जबकि ‘यह पितृसत्तात्मक समाज’ महिलाओं की सोच को प्रभावित करता है. इस पर अलग रुख अपनाते हुए शिवसेना की प्रियंका चतुर्वेदी ने कई पोस्ट किये. उन्होंने कहा, हर किसी को अपनी आस्था के पालन का अधिकार है, लेकिन करियर के चयन के लिए इसे (धर्म को) असहिष्णु नहीं ठहराना चाहिए, जो हकीकत में ऐसा बिल्कुल नहीं होता है.

उन्होंने कहा, वास्तव में उनका यह कदम उनके धर्म के लिए बहुत अहितकारी और लोगों के मन में गलत धारणा बनाने वाला है और यह इस्लाम के बारे में उन बातों को बल देता है कि इस्लाम असहिष्णु है.

उन्होंने कहा, हिन्दी सिनेमा ने इसी धर्म से आये लोगों की सफलता की कई कहानियां देखी हैं. क्या उनकी यह वजह (फिल्मों में अभिनय छोड़ने की) उन दिग्गज कलाकारों पर भी लागू होती है कि वे सभी अपने धर्म को नहीं जानते? कुछ लोग उनके फैसले की बराबरी विनोद खन्ना से कर रहे हैं, जिन्होंने कहा था कि उनके करियर के चुनाव में उनकी आस्था आड़े आ रही थी.

अभिनेत्री रवीना टंडन ने वसीम का नाम लिये बगैर ‘अभिनय छोड़ने के संबंध में उनके विचार’ की आलोचना की. जाने माने अभिनेता अनुपम खेर ने दिल्ली में पत्रकारों से कहा कि वह जायरा के फैसले का स्वागत करते हैं. जायरा को चुनने का हक है लेकिन उनका मानना है कि 18 वर्षीय अभिनेत्री का अभिनय छोड़ना ‘दुखद’ है.

टीवी अभिनेता इकबाल खान ने कहा कि जायरा के फैसले को धार्मिक चश्मे से नहीं देखना चाहिए. स्टैंडअप कॉमेडियन अभिजीत गांगुली ने धर्म की वजह से अभिनय छोड़ने के वसीम के फैसले पर तंज कसा. फिल्मकार ओनिर ने कहा कि वह वसीम के फैसले का सम्मान करते हैं. गौरतलब है कि 2016 में ‘दंगल’ के रिलीज होने के बाद अपनी भूमिका के लिए छोटे बाल रखने को लेकर वह कई लोगों के निशाने पर आ गयी थीं.

Next Article

Exit mobile version