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अपने फैसले पर अडिग राहुल गांधी, बोले- मैं कांग्रेस अध्यक्ष नहीं हूं, नये अध्यक्ष का चुनाव जल्द से जल्द हो

नयी दिल्लीः लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजों के बाद कांग्रेस में उपजा विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इस्तीफा देने की बात पर अड़े हुए हैं और नया अध्यक्ष बनाने की मांग कर रहे हैं. उन्होंने बुधवार को कहा कि पार्टी में जल्द से जल्द अध्यक्ष पद के लिए […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 3, 2019 2:58 PM

नयी दिल्लीः लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजों के बाद कांग्रेस में उपजा विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इस्तीफा देने की बात पर अड़े हुए हैं और नया अध्यक्ष बनाने की मांग कर रहे हैं. उन्होंने बुधवार को कहा कि पार्टी में जल्द से जल्द अध्यक्ष पद के लिए चुनाव होना चाहिए. वह अब इस पद पर नहीं हैं. इतना ही नहीं, राहुल का मानना है कि पार्टी का नया अध्यक्ष एक महीने पहले ही चुना जाना चाहिए था.

जानकारी के मुताबिक, राहुल ने कहा है कि किसी भी शर्त पर इस्तीफा वापस नहीं लेंगे. उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द इस पद के लिए चुनाव होने चाहिए, मैं इस पद पर नहीं हूं. बता दें कि लोकसभा चुनाव में मिली करारी शिकस्त के बाद राहुल गांधी ने कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में इस्तीफे की पेशकश कर दी थी. राहुल गांधी ने 2017 में कांग्रेस का अध्यक्ष पद संभाला था.

संसद भवन के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस को जल्द से जल्द वर्किंग कमेटी की बैठक बुलाकर इस पर फैसला करना चाहिए. साथ ही उनका कहना है कि इस प्रक्रिया का वह हिस्सा नहीं रहेंगे. उन्होंने कहा कि वर्किंग कमेटी की बैठक कब बुलाई जाएगी, ये भी समिति के सदस्य ही तय करेंगे. मैं बैठक नहीं बुलाउंगा. राहुल गांधी का यह बयान तब सामने आया है जब आझ सुबह ही राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी से उनके आवास पर मुलाकात की थी.

गौरतलब है कि जब से राहुल गांधी ने कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की बात कही है तभी से पार्टी में हलचल मची हुई है. उन्होंने इस बात को लेकर भी नाराजगी व्यक्त की थी कि हार की जिम्मेदारी किसी नेता ने नहीं ली और ना ही उनकी पेशकश के बाद किसी ने इस्तीफा दिया. जिसके बाद पार्टी में सैकड़ों नेताओं ने अपना पद त्याग दिया था, हालांकि इसमें कोई राष्ट्रीय स्तर का नेता शामिल नहीं था.

इस्तीफा वापस लेने के लिए समर्थक उनपर दबाव बना रहे हैं. कार्यकर्ता धरना प्रदर्शन भी कर रहे हैं. कांग्रेस शासित प्रदेश के मुख्यमंत्रियों ने भी राहुल गांधी से मिलकर इस्तीफा देने की पेशकश की थी. लेकिन राहुल गांधी अपने से टस से मस नहीं हुए.

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