गृहमंत्री से मिले दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बोले, सरकार या चुनाव दोनों पर राजी
नयी दिल्लीः दिल्ली में सरकार बनाने की कवायद के बीच आज बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने कहा कि पार्टी दिल्ली में चुनाव के लिए तैयार है. उन्होंने सरकार बनाने की बात से इनकार करते हुए कहा कि हमारे पास कोई स्पष्ट आंकडा नहीं है. हमारी पार्टी यहां सरकार बनाने के लिए कांग्रेस या […]
नयी दिल्लीः दिल्ली में सरकार बनाने की कवायद के बीच आज बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने कहा कि पार्टी दिल्ली में चुनाव के लिए तैयार है. उन्होंने सरकार बनाने की बात से इनकार करते हुए कहा कि हमारे पास कोई स्पष्ट आंकडा नहीं है. हमारी पार्टी यहां सरकार बनाने के लिए कांग्रेस या आप से किसी भी प्रकार का गठबंधन नहीं करेगी.इसके बाद भी उन्होंने कहा कि अगर उपराज्यपाल प्रस्ताव देंगे तो भाजपा सरकार बनाने पर विचार करेगी
गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात से पहले सतीश ने कहा था कि अगर उपराज्यपाल सरकार बनाने का लिखित प्रस्ताव भेजते हैं जो पार्टी इस पर विचार कर सकती है. इस दौरान सतीश ने कहा कि हम सरकार बनाने और चुनाव दोनों के लिए तैयार हैं. बसर्ते कहीं से कोई लिखित प्रस्ताव मिले. उन्होंने सरकार बनाने के लिए विधायकों की खरीद फरोख्त की बात से इनकार किया और कहा इस बात पर उन्हीं से जवाब मांगा जाना चाहिए जो इस तरह का बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं.
आज राजनाथ से सतीश के मुलाकात की बात को दिल्ली में चुनाव या सरकार बनाने के अटकलों को जोडा जा रहा है. सतीश ने ना केवल राजनाथ से मुलाकात की बल्कि पार्टी अध्यक्ष अमित साह और नितीन गडकरी से भी फोन पर बात की, जो इस सरगर्मी को और भी पुख्ता करता है. अगले माह दिल्ली में राष्ट्रपति शासन समाप्त हो रहा है. यह दूसरी बार लगा राष्ट्रपति शासन है. इसके बाद दिल्ली में राष्ट्रपति शासन की गुंजाइश नहीं है, अब या तो विधानसभा चुनाव होगा या फिर जोड तोड की सरकार बनेगी.
हालांकि सतीश ने इस बात से इनकार किया है कि वे सरकार बनाने या चुनाव को लेकर राजनाथ से मिले है. पत्रकारों से बात में उन्होंने कहा कि वे दिल्ली में सुविधाओं का विकास चाहते हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली में नगर निगम की स्थिति काफी ठीक नहीं है. शीला दीक्षित की सरकार में नगर निगम के अधिकारों को काफी कम कर दिया गया था. गरीब और अपाहिज कॉलनियों की स्थिति काफी जर्जर हो गयी है. हमारी पहली प्राथमिकता इस लचर व्यवस्था को ठीक करना है.
गौरतलब है कि दिल्ली में पिछले चुनाव के आकडों के हिसाब से कुल 70 सीटों में भाजपा के 29, आप के 28 और कांग्रेस के 6 विधायक हैं. ऐसे में बिना समर्थन के किसी भी पार्टी के सरकार बना पाने की उम्मीद नहीं है.