राहुल गांधी ने गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफे का ऐलान कर दिया. उन्होंने लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद इसकी जिम्मेदारी लेते हुए कह दिया था अब वो कांग्रेस के अध्यक्ष नहीं रहेंगे. कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में उन्होंने यह ऐलान करते हुए यह भी कहा था कि अब आप लोग गैर गांधी परिवार को अध्यक्ष बनायें. उस वक्त से ही कांग्रेस के नये अध्यक्ष के नाम को लेकर कयासों का दौर जारी है. हर रोज एक नया नाम सामने आ रहा है. नाम तो बहुत हैं मगर संभावित पुष्टि एक की भी नहीं है.
राहुल के इस्तीफे की घोषणा से हतप्रभ पार्टी ने संकेत दिए हैं कि अब नये अध्यक्ष की तलाश में अब ज्यादा विलंब नहीं होगा. कांग्रेस के नये नेतृत्व का फैसला करने के लिए कार्यसमिति की बैठक अगले सप्ताह बुलाए जाने की प्रबल संभावना है. पूरा देश यह देखना चाहेगा कि गांधी परिवार के बाद पार्टी का अध्यक्ष ओबीसी होगा, सवर्ण होगा या फिर कोई दलित चेहरा.
इस्तीफे के बाद अब पार्टी के नए अध्यक्ष को लेकर कयासों का बाजार गर्म है. पार्टी के नए अध्यक्ष को लेकर कई नामों की चर्चा है. मोतीलाल वोरा, अशोक गहलोत, सुशील कुमार शिंदे और मल्लिकार्जुन खड़गे और कैप्टन अमरिंदर सिंह जैसे कुछ नामों की चर्चा सबसे ज्यादा हैं.
मोतीलाल वोराः मोतीलाल वोरा की गिनती कांग्रेस के बड़े नेताओं में है. वो मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री और उत्तर प्रदेश के गवर्नर भी रहे हैं. उन्हें यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी का बेहद करीबी माना जाता है. वह पार्टी के सभी बड़े फैसलों में शामिल रहे हैं. राज्यसभा सांसद मोतीलाल वोरा फिलहाल कांग्रेस पार्टी के महासचिव (प्रशासन) के पद पर हैं. चर्चाओं के मुताबिक, इनका नाम कांग्रेस अध्यक्ष के लिए पहले पायदान पर है. बता दें कि कांग्रेस के पार्टी नियम के मुताबिक अध्यक्ष के इस्तीफा देने के बाद सबसे वरिष्ठ नेता को अंतरिम अध्यक्ष बनाया जाता है. ऐसे में मोती लाल वोरा को यह जिम्मेदारी दी जा सकती है.
अशोक गहलोतः अशोक गहलोत वर्तमान में राजस्थान के मुख्यमंत्री हैं. इनके बारे में कहा जाता है कि सोनिया और राहुल गांधी से बेहतर रिश्ते हैं. इसके अलावा कांग्रेस के अन्य नेताओं से भी उनके समीकरण ठीक हैं. अशोक गहलोत का संगठन चलाने का पुराना अनुभव रहा है. साल 2017 में गुजरात विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के बेहतर प्रदर्शन के पीछे उन्हीं का प्रयास माना गया. गहलोत के कांग्रेस अध्यक्ष बनने को लेकर पार्टी के सबसे उम्रदराज महासचिव मोतीलाल वोरा ने भी बड़ा बयान दिया है.
सुशील कुमार शिंदेः शिंदे कांग्रेस के वरिष्ठ और पुराने नेता हैं. सुशील कुमार शिंदे कांग्रेस के दलित चेहरा हैं जिस पर गांधी परिवार आंख बंद करके भरोसा करता है. वह भारत के गृहमंत्री और ऊर्जा मंत्री रहे हैं. इसके अलावा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में भी उन्होंने सेवाएं दी हैं. 1992 से 1998 तक वह महाराष्ट्र से राज्यसभा के सदस्य रहे. वो आंध्र प्रदेश के राज्यपाल भी रह चुके हैं. प्रणव मुखर्जी जब राष्ट्रपति बने तब सुशील कुमार शिंदे को लोकसभा का नेता बनाया गया.
मल्लिकार्जुन खड़गेः पार्टी संसदीय दल के नेता रहे कर्नाटक के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे की चर्चा भी कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए हो रही है.ये भी दलित समुदाय से आते हैं. दलित चेहरे को पार्टी का अध्यक्ष बनाकर कांग्रेस बड़ा संदेश दे सकती है.
कैप्टन अमरिंदर सिंहः इन्हें कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में से एक माना जाता है. कांग्रेस अध्यक्ष के लिए मुफीद चेहरों में शामिल हैं मगर उनकी उम्र इसमें आड़े आ रही है. देश के नेताओं से इनका संबंध हमेशा अच्छा रहा है.
इसके अलावा मुकूल वासनिक, आनंद शर्मा, सचिन पायलट, ज्योतिरादित्य सिंधिया का भी नाम सामने आ रहा है.
नये कांग्रेस अध्यक्ष की राह नहीं आसान
राहुल गांधी ने पार्टी की कमान ऐसे समय पर छोड़ी है जब कुछ ही महीनों के अंदर चार महत्वपूर्ण राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में नये कांग्रेस अध्यक्ष के सामने किसी चमत्कार की ही चुनौती होगी. महाराष्ट्र, दिल्ली, हरियाणा और झारखंड में विधानसभा चुनाव होने हैं लेकिन लोकसभा चुनाव के नतीजे कांग्रेस के पक्ष में नहीं आये. लोकसभा चुनाव में बड़ी हार के बाद जिस तरह कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटा है उसे वापस लाना और संगठन को फिर से खड़ा करना कहीं बड़ा काम है. कांग्रेस के नए अध्यक्ष की सबसे पहली चुनौती पार्टी को एक रखने की होगी.