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फ्रांस के राजदूत ने कहा – सितंबर में भारत को मिल जायेगी राफेल की पहली खेप

भोपाल : फ्रांस के राजदूत अलेक्जेंडर जीगलर ने शुक्रवार को कहा कि भारत को पहला राफेल लड़ाकू विमान दो महीनों के अंदर सौंप दिया जायेगा और यह बिल्कुल समय पर मिलेगा. जीगलर ने यहां एक कार्यक्रम से इतर बताया कि भारतीय वायुसेना को सभी 36 राफेल लड़ाकू विमान अगले दो साल में सौंप दिये जायेंगे. […]

भोपाल : फ्रांस के राजदूत अलेक्जेंडर जीगलर ने शुक्रवार को कहा कि भारत को पहला राफेल लड़ाकू विमान दो महीनों के अंदर सौंप दिया जायेगा और यह बिल्कुल समय पर मिलेगा.

जीगलर ने यहां एक कार्यक्रम से इतर बताया कि भारतीय वायुसेना को सभी 36 राफेल लड़ाकू विमान अगले दो साल में सौंप दिये जायेंगे. उन्होंने कहा, भारतीय वायु सेना को पहला राफेल लड़ाकू विमान अब से ठीक दो महीने में सौंप दिया जायेगा, मुझे लगता है यह सितंबर में होगा, बिल्कुल समय पर. वहीं, 36 विमान अगले दो साल में आयेंगे. भारत में नियुक्त फ्रांस के राजदूत ने दोनों देशों के बीच साझेदारी की सराहना करते हुए कहा, उस ट्रैक रिकार्ड को देखिये जो हमने पिछले 50 साल में भारत के साथ सहयोग से विकसित किये हैं. भारतीय वायुसेना के पास फ्रांसीसी प्रौद्योगिकी और भारत-फ्रांस प्रौद्योगिकी वाले विमान हैं क्योंकि हम दोनों देशों ने बड़ी मात्रा में प्रौद्योगिकी का विकास साथ मिल कर किया है.

जीगलर ने कहा, मेरा मानना है कि भारत के साथ हमारी 50 साल की यह साझेदारी अगले 50 साल की साझेदारी में विकसित होगी. उन्होंने लड़ाकू विमान (राफेल) के बारे में कहा कि यह एक शानदार विमान है. इसे भारत ने चुना, जिससे हम सम्मानित महसूस कर रहे हैं. मुझे लगता है कि यह भारतीय वायुसेना की क्षमता को बहुत ज्यादा बढ़ायेगा. राफेल लड़ाकू विमान की खरीद से जुड़े विवाद (भारत में) के बारे में पूछे जाने पर जीगलर ने कहा, विवादों में मेरी रुचि नहीं है. मैं परिणाम देखता हूं और सच्चाई यह है कि अगले दो महीने में राफेल लड़ाकू विमान भारत को मिल जायेगा. इस बात पर मुझे गर्व है.

भारत-फ्रांस साझेदारी पर पूछे गये एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, भारत के साथ हमारी खास साझेदारी है. यह रणनीतिक साझेदारी है. जो सुरक्षा मुद्दों, रक्षा, अंतरिक्ष सहयोग और कई अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर आधारित है. जीगलर ने कहा, यह भागीदारी आर्थिक क्षेत्र में भी विकसित हो रही है. फ्रांस से और अधिक निवेश भारत आ रहा है. हमारी कंपनियों के बीच कहीं अधिक निजी साझेदारी स्थापित हो रही है. उन्होंने बताया, जब मैं तीन साल पहले भारत आया था, तब भारत से प्रति वर्ष केवल 3,000 छात्र हमारे विश्वविद्यालयों में पढ़ने पहुंचते थे. आज इनकी संख्या 10,000 प्रति वर्ष पहुंच गयी है. जब तीन साल में तीन गुने से ज्यादा की वृद्धि हुई है, तो क्या आप अनुमान लगा सकते हैं कि 10 साल में यह कितनी हो जायेगी?

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