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काला धन मामला:स्विट्जरलैंड से मिला भारत को बातचीत का न्योता

नयी दिल्ली: अपने चुनावी वादों को पूरा करने में जुटी एनडीए सरकार को कालेधन मामले में सफलता हाथ लगी है. भारत द्वारा स्विट्जरलैंड पर कालेधन की जांच को लेकर बढाए जा रहे दबाव के बीच वहां के अधिकारियों ने भारतीय अधिकारियों को इन मुद्दों पर आगे विचार विमर्श के लिए बर्न में बातचीत का न्योता […]

नयी दिल्ली: अपने चुनावी वादों को पूरा करने में जुटी एनडीए सरकार को कालेधन मामले में सफलता हाथ लगी है. भारत द्वारा स्विट्जरलैंड पर कालेधन की जांच को लेकर बढाए जा रहे दबाव के बीच वहां के अधिकारियों ने भारतीय अधिकारियों को इन मुद्दों पर आगे विचार विमर्श के लिए बर्न में बातचीत का न्योता दिया है. स्विट्जरलैंड के वित्त मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि उसने भारत को कुछ सकारात्मक जबाव पहले ही भेज दिए हैं, पर इस प्रवक्ता ने उसका ब्योरा नहीं दिया.

सूत्रों ने, हालांकि, कहा कि ये जवाब स्विस बैंक खातों के बारे में कथित तौर पर चुराई गई जानकारी में शामिल भारतीय नामों के संबंध में संभवत: नहीं हैं. गौरतलब है कि स्विट्जरलैंड भारत को अन्य देशों, मसलन फ्रांस व जर्मनी से मिली जानकारी के आधार पर खातों का ब्योरा देने से लगातार इनकार करता रहा है. स्विट्जरलैंड का कहना है कि ये नाम संबंधित बैंक के कुछ पूर्व कर्मचारियों द्वारा चुनाई गई सूची पर आधारित हैं. गैरकानूनी तरीके से हासिल किसी जानकारी के आधार पर वह कोई ब्योरा नहीं दे सकता. वित्त विभाग के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘ भारत सरकार को लिखा गया है कि स्विस सरकार भारत से प्रशासनिक अधिकारियों को बर्न में कर मामलों पर पूर्ण सहयोग के लिए विचार विमर्श का न्योता देती है. इससे पहले दोनों देशों के बीच फरवरी, 2014 में बातचीत हुई थी.’’

स्विट्जरलैंड के वित्त मंत्रालय के प्रवक्ता से पूछा गया था कि स्विस बैंकों में जमा भारतीयों के काले धन के बारे में ब्योरे के बारे में भारत की चिंता को दूर करने के लिए उनकी सरकार की आरे से क्या कदम उठाए जा रहे हैं. स्विट्जरलैंड के एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने इस साल फरवरी में नई दिल्ली में भारतीय अधिकारियों के साथ कर मामलों पर विचार विमर्श किया था. स्विट्जरलैंड के ‘सकारात्मक जवाबों ’ के बारे में पूछे जाने पर प्रवक्ता ने इनका ब्योरा देने से इनकार किया.

स्विस अधिकारी दो प्रकार से सूचनाओं का आदान करते हैं. एक हैं तुरंत आदान प्रदान. जिसके अंतर्गत किसी दूसरे देश को स्वैच्छिक आधार पर ब्योरा उपलब्ध कराया जाता है. दूसरी है किसी देश द्वारा आग्रह किए जाने पर सूचना देना. अधिकारी ने यह भी बताने से इनकार किया कि भारत की ओर से कितने आग्रह मिले और स्विट्जरलैंड ने उनमें में कितने का जवाब दिया. ताजा आंकड़ों के अनुससार स्विस संघीय कर प्रशासन को 2013 के दौरान 1,386 आग्रह मिले. यह आंकडा 2012 में 1,499 था. इससे पहले 2011 में स्विस अधिकारियों को 370 आग्रह मिले थे.

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