नयी दिल्ली:यह पहली घटना नहीं है जब देश की राजधानी दिल्ली में किसी पूर्वोत्तर राज्य के युवक को निशाना बनाया गया है. इससे पहले भी राजधानी में ऐसी घटनाएं हो चुकी है. कुछ दिन पहले ही छात्र निडो तानिया को निशाना बनाया गया था. वह अरुणाचल प्रदेश का रहने वाला था.
निडो की हत्या के बाद राजनीति गरमा गई थी. घटना ने तत्कालीन यूपीए सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया था. इस घटना को लेकर एनडीए ने सरकार की काफी आलोचना की थी. इस मामले को चुनाव के दौरान उठाया गया जिसका फायदा एनडीए को हुआ भी.
बीती रात की घटना से पूर्वोत्तर के छात्रों में काफी रोष है. रात करीब ढाई बजे मणिपुर के एक युवक की कथित तौर पर पीट-पीटकर हत्या कर दी. इस बार निशाना बना मणिपुर का एक युवक. इस युवक की पहचान 30 साल के शालोनी के रुप में हुई. शालोनी बीपीओ में काम करता था और वह मुनिरका में रहता था. रविवार को वह अपने दोस्त से मिलने कोटला मुबारकपुर आया था, जब वह रात को मुनिरका लौट रहा था.
अब पूर्वोत्तर के लोगों को राजधानी में सुरक्षा देने के नाम पर वोट मांगने वाले एनडीए की सरकार इस घटना पर क्या कहती है. इसका सबको इंतजार है. हालांकि सरकार समझती है कि पूर्वोत्तर में स्थिति गंभीर होती जा रही है. जिस तरह पूर्वोत्तर के लोगों के साथ देश में व्यवहार किया जा रहा है, इससे उनका अपनी सरकार के प्रति विश्वास घटता जा रहा है. पूर्वोत्तर से दिल्ली उच्च शिक्षा के लिए आने वाले छात्रों के साथ भी अमानवीय व्यवहार किया जाता है.
पिछले दिनों दिल्ली में अरुणाचल प्रदेश के एक युवक नीडो की हत्या कर दी गयी थी. यह स्थिति काफी गंभीर है और ऐसे में ही अलगाववादी ताकतों को अपनी शक्ति बढ़ाने का मौका मिलता है. इन इलाकों के लोगों में भारत सरकार के प्रति विश्वास पैदा करना चाहते हैं. सरकार यह बताना चाहती है कि यह सरकार पूर्वोत्तर के लोगों की भी है और उनकी चिंता करती है.