बैंगलुरु : 14 विधायकों के इस्तीफे के बाद कर्नाटक में एच डी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली कांग्रेस-जेडी (एस) सरकार का भविष्य पर संकट के बादल छा गये हैं. यहां पल-पल स्थिति बदल रही है. लगातार बैठकों का दौर भी चल रहा है. एक ओर जहां कांग्रेस इस संकट को टालने लगी है, वहीं विपक्षी पार्टी भाजपा कुमारस्वामी के इस्तीफो लेकर बुधवार को विरोध प्रदर्शन करने की तैयारी में है और 1 बजे राज्यपाल से मिलने का भी समय मांगा है.
इधर कांग्रेस ने बैंगलुरु में अपने नेताओं के साथ बैठक की. इस बैठक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद और मल्लिकार्जुन खड़गे मौजूद थे. बैठक के बाद आजाद ने प्रेस को संबोधित किया और केंद्र की मोदी सरकार पर बड़ा हमला किया.
उन्होंने कहा, जिस ढ़ंग से राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रपति और राज्य स्तर पर राज्यपाल जिस तरह से पेश आ रहे हैं, उससे पूरे देश में गुस्से का माहौल है. इस देश में लोकतंत्र खत्म हो रहा है.
एक के बाद एक राज्य, सभी विपक्षी सरकारें इसी तरह उथल-पुथल हो रहीं हैं और भारत सरकार इसके लिए राज्यपाल का इस्तेमाल कर रही है. अरुणाचल प्रदेश से लेकर कर्नाटक तक राज्यपाल डिफेक्टरों का पक्ष लेते हैं और कांग्रेस से बाहर आने में उनकी मदद करते हैं. हम देश से अपील करते हैं कि लोकतंत्र को बचाने में हमारा साथ दें.
इधर कांग्रेस ने पार्टी के उन 10 बागी विधायकों में से नौ को अयोग्य घोषित करने की मांग की है. इन विधायकों ने कर्नाटक विधानसभा से इस्तीफा दे दिया है. कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धारमैया ने यहां संवाददाताओं से कहा, हमने अध्यक्ष के.आर. रमेश कुमार को दलबदल विरोधी कानून के तहत 9 बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने के लिए आवेदन दिया है. हालांकि, पार्टी ने वरिष्ठ विधायक रामलिंगा रेड्डी को अयोग्य घोषित नहीं किया है, इसलिए उम्मीद है कि वह जल्द ही अपना इस्तीफा वापस ले लेंगे.