शहरों के मुकाबले गांवों में अधिक हैं कामकाजी महिलाएं-केंद्र
नयी दिल्ली: अर्थव्यवस्था की रीढ़ गांवों में कामकाजी महिलाओं की संख्या शहरों के मुकाबले ज्यादा है.केंद्र सरकार ने आज बताया कि शहरी इलाकों में जहां कामकाजी महिलाओं की संख्या 14.7 फीसदी है तो वहीं गांवों में 24.8 फीसदी महिलाएं कामकाजी हैं. लेकिन दोनों ही क्षेत्रों में इनकी कुल संख्या पुरुषों के मुकाबले काफी कम है. […]
नयी दिल्ली: अर्थव्यवस्था की रीढ़ गांवों में कामकाजी महिलाओं की संख्या शहरों के मुकाबले ज्यादा है.केंद्र सरकार ने आज बताया कि शहरी इलाकों में जहां कामकाजी महिलाओं की संख्या 14.7 फीसदी है तो वहीं गांवों में 24.8 फीसदी महिलाएं कामकाजी हैं. लेकिन दोनों ही क्षेत्रों में इनकी कुल संख्या पुरुषों के मुकाबले काफी कम है.
इस्पात, खनन और श्रम राज्य मंत्री विष्णु देव साय ने लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण : एनएसएस : 2011-12 के आंकडों का हवाला देते हुए बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में 54.3 फीसदी पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की कार्यबल भागीदारी 24.8 फीसदी है जबकि शहरी क्षेत्रों में पुरुषों के 54.6 फीसदी के मुकाबले केवल 14.7 फीसदी महिलाएं ही कामकाजी है.
उन्होंने बताया कि सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों की आवश्यकताओं के मद्देनजर 12वीं पंचवर्षीय योजना में 5 करोड लोगों को कुशल बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है.