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कर्नाटक का सकंटः स्पीकर के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे कांग्रेस- जदएस के बागी विधायक

कर्नाटक के सियासी संकट का मामला अब सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है. कांग्रेस और जेडीएस के 10 बागी विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ याचिका दाखिल की है. मामले की सुनवाई के दौरान बागी विधायकों की तरफ से वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि स्पीकर अपने दायित्य का पालन नहीं कर रहे हैं. कर्नाटक […]

कर्नाटक के सियासी संकट का मामला अब सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है. कांग्रेस और जेडीएस के 10 बागी विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ याचिका दाखिल की है. मामले की सुनवाई के दौरान बागी विधायकों की तरफ से वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि स्पीकर अपने दायित्य का पालन नहीं कर रहे हैं. कर्नाटक में अजीब परिस्थिति है. विधायकों को जनता के बीच दोबारा जाना भी है. बता दें कि मंगलवार को विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश कुमार ने यह कह कर इस्तीफा लौटा दिया कि 14 में विधायकों के इस्तीफे कानूनन सही नहीं है. इसी के खिलाफ बागी विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है.

इस बीच, भाजपा ने कर्नाटक विधानसभा के बाहर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है. भाजपा नेता और मुख्यमंत्री बीएस येदिपुरप्पा ने कहा कि 12 जुलाई से विधानसभा शुरू होने वाली है. मगर, सत्ता वाली सरकार के पास सदस्यों की संख्या नहीं है. ऐसे में अगर सत्र आयोजित होता है तो यह अंसवैधानिक होगा.

कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार, जेडीएस विधायक शिवलिंगे गौड़ा और कुछ अन्‍य कांग्रेस नेता कर्नाटक सरकार पर आए संकट को खत्‍म करने के लिए नाराज कांग्रेस विधायकों से मिलने मुंबई पहुंचे. ये नेता उस होटल पहुंचे जहां 10 कांग्रेस विधायक ठहरे हुए हैं. पुलिस शिवकुमार को होटेल में प्रवेश करने नहीं दिया. मुंबई पुलिस ने कहा कि शिवकुमार को कांग्रेस विधायकों से मिलने नहीं दिया जाएगा जबकि शिवकुमार ने कहा है कि उन्‍होंने होटेल में कमरा बुक किया है. उनका अपने मित्रों के छोटा सा मतभेद है जिसे बातचीत के जरिए सुलझा लिया जाएगा. शिवकुमार ने कहा कि किसी को भी धमकी देने का सवाल ही नहीं है.

बेंगलुरु/मुंबई/नयी दिल्ली:सत्ता के संघर्ष में फंसे कर्नाटक राज्य की सियासी सरगर्मी का अहसास मुंबई में देखने को मिल रहा है. दरअसल, कांग्रेस और जेडीएस के बागी विधायक यहीं एक होटल में ठहरे हुए हैं. उन्हें जब पता चला कि कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार और मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी उनके पास आ रहे हैं तो तत्काल मुंबई पुलिस प्रमुख को पत्र लिख दिया.

बागी विधायकों ने अपनी जान का खतरा बताते हुए डीके शिवकुमार और एचडी कुमारस्वामी से न सिर्फ मिलने से इनकार किया बल्कि पुलिस से आग्रह किया कि उन्हें होटल में प्रवेश न दिया जाए. मुंबई के रेनिसंस होटल में ठहरे कर्नाटक कांग्रेस और जनता दल (सेक्युलर) के 10 बागी विधायकों ने मंगलवार देर रात यह पत्र लिखा. बागी विधायकों के खत पर एक्शन लेते हुए मुंबई पुलिस ने उनकी सुरक्षा बढ़ा दी है. रेनिसंस होटल के बाहर जवान तैनात कर दिए गए हैं. ये जवान होटल के एंट्री गेट पर आने जाने वालों पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं.

होटल के बाहर महाराष्ट्र स्टेट रिजर्व पुलिस फॉर्स और राइट कंट्रोल पुलिस के जवान तैनात हैं. सुरक्षा बल के जवानों होटल के बाहर चप्पे-चप्पे पर नजर बनाए हुए हैं. इधर, बुधवार सुबह कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार मुंबई पहुंच चुके हैं.

बताया जा रहा है कि वो होटल पहुंचेंगे और बागी विधायकों को मनाने का प्रयास करेंगे. यह देखना दिलचस्प होगा कि पुलिस उन्हें होटेल में प्रवेश देती है या नहीं. गौरतलब है कि कर्नाटक विधानसभा से इस्तीफा देने के बाद तीन दिन पहले मुंबई ये विधायक अब भी होटेल में ही डेरा डाले हुए हैं.

कर्नाटक के स्पीकर बोले- 14 में से नौ विधायकों के इस्तीफे सही नहीं

इससे पहलेकर्नाटक में जारी राजनीतिक उठापटक के बीच विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश कुमार ने मंगलवार को कहा कि 14 में से नौ विधायकों के इस्तीफे कानूनन सही नहीं है. उन्होंने राज्यपाल वजुभाई वाला को पत्र लिखकर बताया है कि कोई बागी विधायक उनसे नहीं मिला है. मैंने इन विधायकों को मिलने का वक्त दिया है. मैंने राज्यपाल को भरोसा दिलाया है कि मैं संविधान का पालन करूंगा. राज्य की मौजूदा राजनीतिक स्थिति से मेरा कोई संबंध नहीं है.

कांग्रेस की मांग, इस्तीफा देने वाले अयोग्य घोषित हों

इससे पहले, कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धरमैया ने कहा कि जिन बागी विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है, पार्टी उन्हें अयोग्य घोषित करने की मांग करेगी. उन्होंने इस्तीफा देने वाले पार्टी के 10 विधायकों से अनुरोध किया है कि वे पार्टी में वापस आ जाएं, नहीं तो नतीजे भुगतने के लिए तैयार रहें. गठबंधन के 14 विधायकों के इस्तीफे के बाद उपजी संकट से निपटने के लिए यहां आयोजित कांग्रेस विधायक दल की बैठक के बाद उन्होंने पत्रकारों से हुई बातचीत में यह घोषणा की.

सिद्धारमैया ने आरोप लगाया कि भाजपा कर्नाटक और अन्य राज्यों में चुनी हुई सरकार को गैर-लोकतांत्रिक तरीके से अस्थिर कर रही है और यह उनका छठा प्रयास है. सरकार को अस्थिर करना भाजपा की आदत है.

इस बीच, कर्नाटक भाजपा प्रमुख बीएस येदियुरप्पा ने बुधवार को यहां धरना देकर सीएम कुमारस्वामी के इस्तीफे की मांग करने का फैसला किया है. उनका दावा है कि कुमारस्वामी बहुमत खो चुके हैं. उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए. कहा कि वह आज राज्यपाल से भी मिलेंगे.

शिकार की राजनीति कर रही भाजपा : कांग्रेस

लोकसभा में कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने कर्नाटक का मुद्दा उठाते हुए कहा कि वहां स्थिति ऐसी हो गयी है कि राजभवन से निकले तो गाड़ी तैयार, विमान तैयार है, होटल तैयार है. केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी के लोग कह रहे हैं कि अब मध्यप्रदेश की बारी आने वाली है. केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी की ओर से ‘शिकार की राजनीति’ की जा रही है. पैसा और बाहुबल का इस्तेमाल किया जा रहा है. कहा कि शिकार की राजनीति लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है. केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी की नीति और नियत पर से भरोसा उठ गया है.

कांग्रेस के घर की है समस्या : राजनाथ

अधीर रंजन के आरोपों पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आपने (लोकसभा अध्यक्ष) सदाशयता का परिचय देते हुए उन्हें (कांग्रेस नेता को) बोलने का मौका दिया, लेकिन उन्होंने इसका दुरुपयोग किया. कर्नाटक की समस्या उनके अपने घर की समस्या है, जिसे वे ठीक नहीं कर पा रहे हैं और वे निचले सदन को बाधित कर रहे हैं. इसे उचित नहीं ठहराया जा सकता है. इससे पहले, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि कर्नाटक के मुद्दे से हमारा कोई लेना-देना नहीं है.

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