नयी दिल्ली/अमेठी : माइक्रोब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर पर बुधवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के फॉलोवर्स की संख्या एक करोड़ को पार कर गयी. इस पर खुशी जताते हुए उन्होंने कहा कि वह अमेठी में इसका जश्न मनायेंगे. एक करोड़ फॉलोवर्स होने के बाद गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘ट्विटर पर एक करोड़ फॉलोवर्स-आपलोगों में से हर व्यक्ति का धन्यवाद.’
10 Million Twitter followers – thank you to each and every one of you! 🙏🙏
I will celebrate the milestone in Amethi, where I will be meeting our Congress workers & supporters today.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 10, 2019
उन्होंने कहा कि उन्हें अमेठी में बुधवार को कांग्रेस समर्थकों और कार्यकर्ताओं के साथ मुलाकात करनी है और इस आयाम का जश्न वह वहीं मनायेंगे. राहुल का बुधवार को अमेठी दौरे का कार्यक्रम है. इस बार लोकसभा चुनाव में अमेठी से उन्हें भाजपा की स्मृति ईरानी से हार का सामना करना पड़ा था. राहुल केरल की वायनाड सीट से चुनकर संसद पहुंचे हैं.
राहुल के अमेठी आने से पहले लगाया गया विवादित पोस्टर
कांग्रेस नेता राहुल गांधी के अमेठी आगमन से ऐन पहले उनसे संबंधित ट्रस्ट के अस्पताल में हुई एक मौत पर उठे सियासी विवाद का जिन्न पोस्टर के रूप में एक बार फिर सामने आ गया है. अमेठी से लोकसभा चुनाव में मिली पराजय के बाद पहली बार यहां पहुंच रहे राहुल के आगमन से ऐन पहले केंद्रीय कांग्रेस कार्यालय के गेट पर एक पोस्टर लगाया गया है, जिसमें लिखा है ‘न्याय दो, न्याय दो मेरे परिवार को, न्याय दो’, ‘दोषियों को सजा दो’, ‘संजय गांधी अस्पताल अमेठी में जिंदगी बचायी नहीं गंवायी जाती है’, ‘राहुल गांधी जवाब दो’.
हालांकि पोस्टर में किसी मुद्रक या प्रकाशक का नाम नहीं लिखा है. उल्लेखनीय है कि अमेठी स्थित संजय गांधी चिकित्सालय संजय गांधी मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा संचालित है और राहुल इसके ट्रस्टी हैं. जिला कांग्रेस प्रवक्ता अनिल सिंह ने कहा कि यह भाजपा की साजिश है और अब तो यहां उनकी सांसद स्मृति ईरानी भी चुन ली गयी हैं. सिंह ने आरोप लगाया कि इससे पहले भी भाजपा के लोग यहां ऐसी हरकतें करते रहे हैं.
लोकसभा चुनाव के दौरान चर्चा में आया था अस्पताल
संजय गांधी अस्पताल पिछली मई में लोकसभा चुनाव के दौरान चर्चा में आया था. अमेठी सीट से राहुल की प्रतिद्वंद्वी और भाजपा प्रत्याशी तथा केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने अप्रैल में संजय गांधी अस्पताल में नन्हे लाल नामक व्यक्ति की मौत को लेकर अस्पताल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाये थे. बाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपनी एक चुनावी रैली में इसका जिक्र किया था.
स्मृति ने पांच मई को किये गये ट्वीट में कहा था ‘आज मैं नि:शब्द हूं – कोई इतना गिर सकता है, यह कभी नहीं सोचा था. एक गरीब को सिर्फ इसलिए मरने दिया क्योंकि उसके पास मोदी का आयुष्मान कार्ड था, पर अस्पताल राहुल गांधी का था.’ उन्होंने एक और ट्वीट में कहा था, ‘संजय गांधी अस्पताल के ट्रस्टी राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा जवाब दें अमेठी को – एक निर्दोष को क्यों मार दिया गया?’
मोदी ने मध्यप्रदेश में उठाया था मुद्दा
मोदी ने भी ग्वालियर में एक चुनावी रैली में यह मुद्दा उठाते हुए कहा था कि गांधी परिवार से जुड़े एक अस्पताल में एक मरीज को यह कहते हुए लौटा दिया गया कि यह मोदी का अस्पताल नहीं है, जहां आयुष्मान कार्ड चलता हो. हालांकि, अस्पताल प्रशासन ने इन आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताते हुए कहा था कि मुसाफिरखाना क्षेत्र के सरैया गांव का निवासी रहा मरीज नन्हे लाल बेहद गंभीर हालत में अस्पताल लाया गया था. उसे हरसंभव बेहतर इलाज दिया गया, लेकिन अस्पताल में जरूरी सुविधाएं न होने की वजह से उसे लखनऊ जाने की सलाह दी गयी थी. बाद में 26 अप्रैल को उसकी मृत्यु हो गयी थी. अस्पताल के निदेशक एसएम चौधरी ने कहा था कि नन्हे लाल के पास आयुष्मान भारत योजना का कार्ड नहीं था.