नयी दिल्ली : द्रमुक सदस्य कनिमोझी ने गुरुवार को लोकसभा में दावा किया कि रेलवे अब भी मैला ढोने वालों की भर्ती करता है, जो देश के लिए शर्म की बात है. लोकसभा में वर्ष 2019-20 के लिए रेल मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदानों की मांगों पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए कनिमोझी ने कहा कि यह देश के शर्म की बात है कि रेलवे अब भी मैला ढोने वालों की भर्ती करता है. उन्होंने कहा कि यह भर्तियां अनुबंध के आधार पर की जाती हैं.
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कनिमोझी ने कहा कि इस सरकार को हर समस्या का समाधान निजीकरण में दिखता है और वह भारतीय रेल में यही करने जा रही है. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी भारतीय रेल और दूसरे सार्वजनिक उपक्रमों में विनिवेश या निजीकरण का पुरजोर विरोध करती है.
द्रमुक नेता ने कहा कि इस सरकार में योजनाओं का नाम हिंदी में होता है, जिससे तमिलनाडु में लोगों को समझ नहीं आता. हमारी मांग है कि योजनाओं और रेलवे स्टेशनों के नाम क्षेत्रीय भाषाओं में भी होना चाहिए.