राज्यसभा में बोले रेल मंत्री – ट्रेनें चलाने के लिए निजी कंपनियों की भागीदारी पर विचार जारी
नयी दिल्ली : सरकार ने कहा है कि यात्रियों को विश्व स्तरीय सेवाएं मुहैया कराने के उद्देश्य से, भारतीय रेल यात्री गाड़ियां चलाने के लिए निजी कपंनियों की भागीदारी सहित विभिन्न विकल्पों की जांच की जांच की जा रही है. रेल मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में राज्यसभा को […]
नयी दिल्ली : सरकार ने कहा है कि यात्रियों को विश्व स्तरीय सेवाएं मुहैया कराने के उद्देश्य से, भारतीय रेल यात्री गाड़ियां चलाने के लिए निजी कपंनियों की भागीदारी सहित विभिन्न विकल्पों की जांच की जांच की जा रही है. रेल मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में राज्यसभा को यह जानकारी दी.
उन्होंने बताया कि यात्री गाड़ियां चलाने के लिए निजी कपंनियों की भागीदारी सहित विभिन्न विकल्पों की जांच का मकसद यात्रियों को उत्कृष्ट सेवाएं मुहैया कराना है. उन्होंने एक अन्य प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि वर्ष 2017-18 के लिए रेलवे की यात्री यातायात से आमदनी 48643.14 करोड़ रुपये और 2018-19 के लिए 51066.65 करोड़ रुपये हुई. गोयल ने बताया, यात्री यातायात से आमदनी में सुधार, हानि में कमी और गरीब तथा निचले तबके के यात्रियों को कम या रियायती किराये के जरिये रेल की सामाजिक सेवा दायिता को जारी रखने के उद्देश्य से रेल मंत्रालय ‘गिव इट अप’ योजना में 100 दिन का प्लान शुरू करने के बारे में विचार कर रहा है.
एक अन्य प्रश्न के लिखित उत्तर में गोयल ने बताया कि 31 जनवरी, 2019 तक बड़ी लाइन के सभी बिना चौकीदार वाले क्रॉसिंग समाप्त कर दिये गये हैं. मीटर लाइन और छोटी लाइन पर बिना चौकीदार वाले क्रॉसिंग को आमान परिवर्तन के दौरान समाप्त कर दिया जायेगा.