”बेटियों की सुरक्षा पर भाजपा सरकार संवेदनहीन, ”बेटी बचाओ” बना खोखला नारा”
नयी दिल्ली : बच्चियों से दुष्कर्म की घटनाओं में बढ़ोतरी का उच्चतम न्यायालय द्वारा संज्ञान लेने के बाद कांग्रेस ने शनिवार को आरोप लगाया कि भाजपा सरकार बेटियों की सुरक्षा पर संवेदनहीन हो चुकी है और ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान सिर्फ खोखला नारा साबित हुआ है. पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह आरोप […]
नयी दिल्ली : बच्चियों से दुष्कर्म की घटनाओं में बढ़ोतरी का उच्चतम न्यायालय द्वारा संज्ञान लेने के बाद कांग्रेस ने शनिवार को आरोप लगाया कि भाजपा सरकार बेटियों की सुरक्षा पर संवेदनहीन हो चुकी है और ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान सिर्फ खोखला नारा साबित हुआ है.
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह आरोप भी लगाया कि केंद्र सरकार की उदासीनता के कारण शीर्ष अदालत को स्वतः संज्ञान लेना पड़ा.
उन्होंने एक बयान में कहा, भाजपा सरकार की पूरी संवेदनहीनता और उदासीनता के कारण उच्चतम न्यायालय को पिछले छह महीनों में 24000 से अधिक बच्चियों से दुष्कर्म होने का स्वतः संज्ञान लेना पड़ा.
सुरजेवाला ने कहा, ‘भाजपा शासित उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 3457 मामले सामने आये और इनमें से सिर्फ 22 का निस्तारण हुआ.’ उन्होंने आरोप लगाया कि ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान सिर्फ खोखला नारा साबित हुआ है.
गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने बच्चों से दुष्कर्म के मामलों में ‘चिंताजनक बढ़ोतरी’ पर शुक्रवार को स्वत: संज्ञान लिया और कहा कि वह ऐसे कृत्यों के खिलाफ ‘ठोस’ और ‘स्पष्ट’ राष्ट्रीय प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिए निर्देश जारी करेगा.
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि उसने समाचार पत्रों और पोर्टल्स में बच्चों से दुष्कर्म की बढ़ती घटनाओं की खबरों पर ‘स्वत:’ संज्ञान लेने का फैसला लिया है.
खबरों में उच्चतम न्यायालय की रजिस्ट्री का हवाला देते हुए बताया गया है कि इस साल जनवरी से 30 जून के बीच देश भर में बच्चियों से दुष्कर्म के 24212 मामले दर्जकिये गए हैं.
इनमें 11981 मामलों में जांच जारी है, जबकि 12231 मामलों में आरोपपत्र दायर हो चुका है. बच्चियों के साथ दुष्कर्म की घटनाओं में उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर है.