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तकनीकी खामी की वजह से रोकी गयी चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग, चंद मिनट पहले आयी खबर, राष्‍ट्रपति थे मौजूद

श्रीहरिकोटा : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के दूसरे मून मिशन चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग तकनीकी कारणों से रोक दी गयी है. लॉन्च से ठीक 56.24 सेकंड पहले चंद्रयान-2 का काउंटडाउन रोकने की खबर आयी. अगली तारीख की घोषणा जल्द की जाएगी. सोमवार तड़के चंद्रयान-2 के प्रक्षेपण को रोक दिया गया. इसकी जानकारी इसरो ने अपने […]

श्रीहरिकोटा : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के दूसरे मून मिशन चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग तकनीकी कारणों से रोक दी गयी है. लॉन्च से ठीक 56.24 सेकंड पहले चंद्रयान-2 का काउंटडाउन रोकने की खबर आयी. अगली तारीख की घोषणा जल्द की जाएगी.

सोमवार तड़के चंद्रयान-2 के प्रक्षेपण को रोक दिया गया. इसकी जानकारी इसरो ने अपने ट्विटर हैंडल पर दी. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अपने ट्विटर वॉल पर लिखा- प्रक्षेपण यान प्रणाली में टी-56 मिनट पर तकनीकी खामी दिखी. एहतियात के तौर पर चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण आज के लिए टाल दिया गया है. नयी तारीख की घोषणा बाद में की जाएगी.

आज तड़के 2.51 बजे होने वाले प्रक्षेपण की उल्टी गिनती 56 मिनट 24 सेकंड पहले मिशन नियंत्रण कक्ष से घोषणा के बाद रात 1.55 बजे रोक दी गयी. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद प्रक्षेपण देखने के लिए श्रीहरिकोटा में ही थे. इसरो की ओर से प्रक्षेपण टालने की की आधिकारिक पुष्टि किये जाने से पहले भ्रम की स्थिति बनी रही.

इस संबंध में इसरो के सह-निदेशक (जनसंपर्क) बीआर गुरुप्रसाद ने कहा कि प्रक्षेपण यान प्रणाली में टी-56 मिनट पर एक तकनीकी खामी दिखी. एहतियात के तौर पर चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण आज के लिए टाल दिया गया है. उन्होंने कहा कि नयी तारीख की घोषणा बाद में की जाएगी.

इसरो के एक अन्य अधिकारी ने कहा कि तकनीकी खामी की वजह से प्रक्षेपण टाला जाता है. (लॉंच) विंडो के अंदर प्रक्षेपण करना संभव नहीं है. प्रक्षेपण की नयी तारीख की घोषणा बाद में की जाएगी.

अंतरिक्ष एजेंसी ने इससे पहले प्रक्षेपण की तारीख जनवरी के पहले सप्ताह में रखी थी, लेकिन बाद में इसे बदलकर 15 जुलाई कर दिया था. चंद्रयान-2 को जीएसएलवी मार्क-।।।-एम-1 रॉकेट के जरिए चांद पर ले जाया जाना था. श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से आज तड़के होने वाले प्रक्षेपण पर पूरे देश की निगाहें लगी थीं. इस 3,850 किलोग्राम वजनी अंतरिक्ष यान को अपने साथ एक ऑर्बिटर, एक लैंडर और एक रोवर लेकर जाना था. अब तक के सबसे शक्तिशाली प्रक्षेपण यान जीएसएलवी मार्क-।।।-एम-1 रॉकेट के साथ 978 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण होने की स्थिति में इसे चंद्रमा तक पहुंचने में 54 दिन लगते.

पिछले हफ्ते प्रक्षेपण संबंधी पूर्ण अभ्यास के बाद रविवार सुबह 6.51 बजे इसके प्रक्षेपण की उल्टी गिनती शुरू हुई थी. कई वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों ने कहा है कि प्रक्षेपण टलने से थोड़ी निराशा जरूर हुई है, लेकिन समय रहते तकनीकी खामी का पता चल जाना एक अच्छी बात है. उन्होंने प्रक्षेपण की नई तारीख की जल्द घोषणा होने की उम्मीद भी व्यक्त की है.

जानकारों के अनुसार ये हो सकते हैं संभावित कारण

-क्रायोजेनिक इंजन में लिक्विड हाइड्रोजन भरते समय सही तापमान या दबाव का न होना इसका एक कारण हो सकता है. क्योंकि जिस समय काउंटडाउन रोका गया उससे ठीक पहले लिक्विड हाइड्रोजन भरने का काम पूरा हो चुका था.

-एक और कारण बाहुबली रॉकेट जीएसएलवी-एमके3 की बैटरी में दिक्कत होने का अनुमान लगाया जा रहा है.

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