नयी दिल्ली : प्लास्टिक सर्जरी (Plastic Surgery) की बात करें, तो इसे अमूमन सुंदरता (Beauty) बढ़ाने और चेहरा बदलने का जरिया माना जाता है. हकीकत में यह किसी दुर्घटना (Accident) अथवा बीमारी (Disease) के कारण चेहरा बिगड़ने से अपना आत्मविश्वास (Self Confidence) गंवा चुके लोगों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. यहां यह जान लेना और भी महत्वपूर्ण होगा कि प्लास्टिक सर्जरी (Plastic Surgery) के मामले में भारत का दुनिया में चौथा स्थान है.
आम लोगों की बात करें, तो उनके लिए प्लास्टिक सर्जरी (Plastic Surgery) का ज्ञान फिल्मों और टेलीविजन धारावाहिकों में कहानी को नया मोड़ देने के लिए मुख्य किरदार का चेहरा बदलने या फिर किसी बड़े स्टार का अपनी सुंदरता बढ़ाने के लिए इसका इस्तेमाल करने तक ही सीमित है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि कई मामलों में यह जीवनदान का काम करती है.
जेपी अस्पताल, नोएडा में एस्थेटिक एंड रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी के एसोसिएट डायरेक्टर डॉक्टर आशीष राय ने बताया कि प्लास्टिक सर्जरी को सिर्फ सुंदरता से जोड़ना ठीक नहीं है. यह शरीर के किसी अंग को सुधारने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि दुर्घटनाओं अथवा गंभीर बीमारियों के शिकार लोगों को इसके जरिये उनका खोया चेहरा-मोहरा ही नहीं, बल्कि खोया आत्मविश्वास भी वापस लौटाया जा सकता है.
हमारे देश में प्लास्टिक सर्जरी के क्षेत्र में काफी तरक्की हुई है और आंकड़े बताते हैं कि हमारा देश प्लास्टिक सर्जरी के क्षेत्र में दुनिया का विश्वसनीय स्थान बनता जा रहा है. डॉक्टर राय ने बताया कि प्लास्टिक सर्जरी के क्षेत्र में अमेरिका, ब्राजील और चीन के बाद भारत चौथे स्थान पर है. भारत में प्लास्टिक सर्जरी का बाजार 30 फीसदी की दर से बढ़ रहा है और यहां प्लास्टिक सर्जरी करवाने वालों में 10 प्रतिशत विदेशी होते हैं. ऐसे में यह जरूरी है कि चिकित्सा विज्ञान की इस महत्वपूर्ण विधा के बारे में लोगों को सही जानकारी मिले.
प्लास्टिक सर्जरी और कॉस्मेटिक सर्जरी में है फर्क
लोगों में प्लास्टिक सर्जरी और इसकी उपयोगिता के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए हर साल 15 जुलाई को प्लास्टिक सर्जरी डे मनाया जाता है. श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट में प्लास्टिक एंड कॉस्मेटिक सर्जरी के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर शिशिर अग्रवाल कॉस्मेटिक सर्जरी और प्लास्टिक सर्जरी का फर्क समझाते हुए बताते हैं कि कहने को कॉस्मेटिक सर्जरी प्लास्टिक सर्जरी का ही एक हिस्सा है, लेकिन इन दोनों में फर्क की बात करें, तो कॉस्मेटिक सर्जरी पूरी तरह शरीर के किसी अंग के सौंदर्य पर केंद्रित होती है. इसमें इन अंगों को मनचाहा आकार देना शामिल है.
दुरूह प्रक्रिया है प्लास्टिक सर्जरी
प्लास्टिक सर्जरी को क्रांतिकारी करार देते हुए डॉ अग्रवाल इसे एक लंबी और दुरूह प्रक्रिया बताते हैं, जिसमें सही परिणामों के लिए सर्जन का सिद्धहस्त होना जरूरी होता है. इसके साथ ही वह इस प्रक्रिया के दौरान सर्जन और मरीज को तमाम जरूरी सावधानियां बरतने की ताकीद करते हैं.
डॉ राय ने बताया कि कई बार गंभीर दुर्घटना होने पर चेहरे और चमड़ी को नुकसान पहुंचता है, जिसे ठीक करने के लिए डॉक्टर प्लास्टिक सर्जरी का सहारा लेते हैं और चेहरे की बनावट के अनुसार सर्जरी करते हैं, जिसे ‘फेसिअल रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी’ भी कहा जाता है. यह सर्जरी मरीज का आत्मविश्वास वापस लाने में बहुत बड़ी भूमिका निभाती है.
इसके अलावा किसी दुर्घटनावश चमड़ी के जलने अथवा क्षतिग्रस्त होने पर प्लास्टिक सर्जरी के जरिये उस हिस्से को ठीक किया जाता है. ऐसी सर्जरी कई चरणों में की जाती है. प्लास्टिक सर्जरी को कुछ मामलों में नायाब तोहफा करार देते हुए डॉक्टर रॉय बताते हैं कि मां बनना अपने आपमें ईश्वर का वरदान है, लेकिन आजकल सामान्य प्रसव के मुकाबले सिजेरियन प्रसव की संख्या में काफी इजाफा हुआ है. सिजेरियन के टांके सदा के लिए शरीर पर दाग छोड़ जाते हैं.
इन समस्याओं से मिल सकता है छुटकारा
प्लास्टिक सर्जरी के जरिये इन दाग से छुटकारा पाया जा सकता है. इसके अलावा कैंसर अथवा शरीर के किसी हिस्से को विकृत कर देने वाली किसी अन्य बीमारी की स्थिति में और किसी जन्मजात विकृति को दूर करने के लिए रिकंस्ट्रक्टिव अथवा पुनर्निर्माण सर्जरी की जाती है, जबकि कुछ मामलों में लिंग परिवर्तन की स्थिति में प्लास्टिक सर्जरी के माध्यम से शरीर की क्राफ्टिंग होती है. प्लास्टिक सर्जरी की बढ़ती जरूरत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि दिल्ली/एनसीआर के लगभग सभी अस्पतालों में प्लास्टिक सर्जरी की सुविधा उपलब्ध है.