#Me_Too मामले में गवाह ने कोर्ट से कहा, एमजे अकबर के अनुचित व्यवहार के बारे में किसी ने नहीं दी थी जानकारी

नयी दिल्ली : पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर की ओर से दायर आपराधिक मानहानि की शिकायत मामले में उनकी तरफ से पेश एक गवाह ने सोमवार को दिल्ली की एक अदालत में कहा कि उसके साथ काम करने वाले किसी भी सहकर्मी ने पूर्व संपादक की तरफ से अनुचित बर्ताव का संकेत नहीं दिया था, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 15, 2019 9:39 PM

नयी दिल्ली : पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर की ओर से दायर आपराधिक मानहानि की शिकायत मामले में उनकी तरफ से पेश एक गवाह ने सोमवार को दिल्ली की एक अदालत में कहा कि उसके साथ काम करने वाले किसी भी सहकर्मी ने पूर्व संपादक की तरफ से अनुचित बर्ताव का संकेत नहीं दिया था, जैसा कि पत्रकार प्रिया रमानी ने आरोप लगाया है. रमानी ने ‘मी टू’ अभियान के दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री अकबर पर यौन कदाचार का आरोप लगाया था.

इसे भी देखें : अकबर ‘मीटू’ मामला : कोर्ट ने मानहानि मामले में पत्रकार को तलब करने पर आदेश सुरक्षित रखा

अकबर के संपादक रहते ‘द एशियन एज’ में ज्योतिष और टैरो कार्ड (भविष्य बताने वाला कार्ड) से संबंधित स्तंभ लिखने वाली वीनू संदल ने अदालत से कहा कि मेरे किसी भी सहकर्मी ने मुझे एक बार भी अकबर के किसी भी अनुचित व्यवहार के बारे में न तो बताया और न ही संकेत दिया. शिकायतकर्ता के गवाह के तौर पर उपस्थित संदल ने अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल से कहा कि रमानी ने अकबर के खिलाफ जो आरोप लगाये हैं, उससे मिलती-जुलती दूर-दूर तक कोई बात नहीं थी.

संदल से जिरह सोमवार को पूरी हो गयी. उन्होंने अदालत से कहा कि रमानी के आरोपों ने अकबर की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया है और जो लोग अकबर से उनके तालुक्कात को जानते हैं, वे मामले के बारे में विभिन्न तरह के सवाल पूछ रहे हैं. सुनवाई के दौरान संदल को एक लेख ‘पार्टनरिंग विथ घोस्ट्स ऑफ द अदर वर्ल्ड’ दिखाया गया, जो उन्होंने ‘मी टू आंदोलन’, ब्रेक्जिट और अन्य विवादास्पद मुद्दों के बारे में लिखा था. संदल ने इस बात की पुष्टि की यह उन्होंने ही 13 अक्टूबर, 2018 को लिखा था.

वरिष्ठ अधिवक्ता रेबेका जॉन ने उन्हें ‘ह्यूमन्स ड्यूरिंग डे, स्नेक्स ऐट नाइट’ शीर्षक वाला एक अन्य लेख दिखाया, जिसकी संदल ने पुष्टि की कि यह उनका ही लिखा हुआ है. संदल ने कहा कि मैं असाधारण गतिविधियों के बारे में लिखती हूं, जिसमें अलौकिक घटनाएं भी शामिल हैं. अदालत ने अकबर द्वारा बताये गये एक अन्य गवाह का परीक्षण करने के लिए 17 जुलाई की तारीख तय की है.

गौरतलब है कि भारत में चले ‘मी टू’ अभियान के दौरान सोशल मीडिया पर अपना नाम आने के बाद अकबर ने रमानी के खिलाफ आपराधिक मानहानि की शिकायत दायर की थी. इस अभियान के बाद उन्हें केंद्र सरकार में मंत्री के पद से भी इस्तीफा देना पड़ा था.

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