कांग्रेस में बगावत: राहुन ने कहा, यह अंदरूनी मामला, पार्टी को जवाब भेज दिया
नयी दिल्ली: पिछले कई दिनों से कांग्रेस में बगावत के सुर गहराने लगे हैं. पार्टी के मुख्यमंत्रियों के खिलाफ चार राज्यों में पार्टी के वरीय नेताओं के इस्तीफे मिल चुके हैं. इनके साथ ही पार्टी के नेताओं ने कांग्रेस नेतृत्व पर भी सवाल उठाने शुरू कर दिये हैं और राहुल को नकारा तक कह डाला […]
नयी दिल्ली: पिछले कई दिनों से कांग्रेस में बगावत के सुर गहराने लगे हैं. पार्टी के मुख्यमंत्रियों के खिलाफ चार राज्यों में पार्टी के वरीय नेताओं के इस्तीफे मिल चुके हैं. इनके साथ ही पार्टी के नेताओं ने कांग्रेस नेतृत्व पर भी सवाल उठाने शुरू कर दिये हैं और राहुल को नकारा तक कह डाला है. ऐसे में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने इन सब मामलों को पार्टी का अंदरूनी मामला बताया है और पार्टी को अपना जवाब भेज दिया है बोलकर पत्रकारों से कन्नी काट ली.
एक कार्यक्रम के दौरान जब पत्रकारों ने पार्टी में बगावत के सुर को गहराई से जानने के लिए राहुल से कुछ सवाल पूछने चाहे, तब राहुल ने कहा कि यह पार्टी का अंदरूनी मामला है और उन्होंने पार्टी को अपनाजवाब दे दिया है. इधर बगावत के कारण कांग्रेस पार्टी खस्ते हाल में नजर आ रही है. पार्टी के कद्दावार नेता लगातार पार्टी नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए इस्तीफा दे रहे हैं.
महाराष्ट्र और असम में अपने-अपने मुख्यमंत्रियों के विरोध में कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेताओं ने सोमवार को सरकार से इस्तीफा दे दिया. महाराष्ट्र में वरिष्ठ मंत्री नारायण राणे ने भी सोमवार को ही मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण की खिलाफत कर मंत्री पद छोड दिया. इसी तरह से असम सरकार में कांग्रेस के एक अन्य वरिष्ठ मंत्री हेमंत बिश्वा शर्मा ने प्रदेश के राज्यपाल से मुलाकात की और अपना इस्तीफा सौंप दिया.
लोकसभा चुनाव में दोनों राज्यों में कांग्रेस की करारी हार के दो महीने बाद असंतोष को रोकने के लिए कांग्रेस आलाकमान और राहुल गांधी द्वारा अपनाई जाने वाली रणनीतियों पर सवाल उठाए गए हैं. हालांकि, दिल्ली में कांग्रेस नेताओं ने इन बातों से इनकार कर दिया कि राहुल गांधी के नेतृत्व के खिलाफ प्रादेशिक नेताओं की यह बगावत है.
गौरतलब है कि दिल्ली विधानसभा में मिली हार के बाद 2014 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी हार का सामना पड़ा. उसकी स्थिति ऐसी बन गयी कि वह सामान्य रुप से विपक्ष में बैठने लायक भी नहीं रही. उनकी बुरे दौर का सिलसिला यहीं पर नहीं रुका. उसके बाद भी कई लोगों ने पार्टी छोड़ दिया.