भ्रष्ट न्यायाधीश मामला में काटजू ने लाहोटी के समक्ष छह सवाल खडे किए

नयी दिल्ली: यूपीए सरकार के दौरान भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे एक जज को पद पर बने रहने देने को लेकर देश के तीन प्रधान न्यायाधीशों के ‘अनुचित समझौते’ करने का आरोप लगाने वाले उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश मार्कंडेय काटजू ने आज इनमें से एक पूर्व प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) आर सी लोहाटी के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 22, 2014 3:37 PM

नयी दिल्ली: यूपीए सरकार के दौरान भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे एक जज को पद पर बने रहने देने को लेकर देश के तीन प्रधान न्यायाधीशों के ‘अनुचित समझौते’ करने का आरोप लगाने वाले उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश मार्कंडेय काटजू ने आज इनमें से एक पूर्व प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) आर सी लोहाटी के समक्ष इस मुद्दे पर छह सवाल खडे किए.

काटजू ने सवाल किया कि क्या अतिरिक्त न्यायाधीश के खिलाफ प्रतिकूल आईबी रिपोर्ट मिलने के बाद तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश लाहोटी ने तीन न्यायाधीशों वाले उच्चतम न्यायालय के कोलेजियम की बैठक नहीं बुलाई थी जिसमें वह खुद, न्यायमूर्ति वाईके सबरवाल और न्यायमूर्ति रुमा पाल शामिल थे तथा आईबी रिपोर्ट पर गौर करते हुए कोलेजियम ने भारत सरकार से अतिरिक्त न्यायाधीश का दो साल का कार्यकाल नहीं बढाने की सिफारिश की थी?भारतीय प्रेस परिषद के अध्यक्ष काटजू ने अपने ब्लॉग में लाहोटी के समक्ष ये सवाल उठाए हैं.

अपने बयान के समय के बारे में काट्जू ने कल कहा था, ‘‘कुछ लोगों ने मेरे बयान के समय को लेकर टिप्पणी की है. हुआ यह कि कुछ तमिल नागरिकों ने फेसबुक पर टिप्पणी की कि मैं फेसबुक पर कई मामलों को पोस्ट कर रहा हूं, ऐसे में मुझे मद्रास उच्च न्यायालय के अपने अनुभवों के बारे में भी पोस्ट करना चाहिए. इसके बाद मैंने अपने अनुभवों को पोस्ट करना शुरु कर दिया. और यही समय था जब मुझे यह वाकया भी याद आया और मैने इसे भी पोस्ट कर दिया. ’’

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