कर्नाटक ”संकट”: बागी विधायकों के इस्तीफे पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला- स्पीकर जल्द करें निर्णय
नयी दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक में उपजे संकट पर आज अपना फैसला सुना दिया. कोर्ट ने स्पीकर पर बागी विधायकों के इस्तीफे पर निर्णय लेने का फैसला छोड़ दिया है. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि वह स्पीकर पर फैसला लेने के लिए समयसीमा निर्धारित नहीं कर सकते हैं. बता दें कि गुरुवार […]
नयी दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक में उपजे संकट पर आज अपना फैसला सुना दिया. कोर्ट ने स्पीकर पर बागी विधायकों के इस्तीफे पर निर्णय लेने का फैसला छोड़ दिया है. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि वह स्पीकर पर फैसला लेने के लिए समयसीमा निर्धारित नहीं कर सकते हैं. बता दें कि गुरुवार को एचडी कुमारस्वामी सरकार के विश्वासमत पर चर्चा होनी है.
Supreme Court says, "Karnataka MLAs not compelled to participate in the trust vote tomorrow." https://t.co/qSfPf8oQ2x
— ANI (@ANI) July 17, 2019
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि विधायकों के इस्तीफे पर फैसला स्पीकर करें. कोर्ट ने कहा है कि स्पीकर को खुली छूट है कि वह नियमों के हिसाब से फैसला करें. फिर चाहे वो इस्तीफे पर हो या फिर अयोग्यता पर हो. इस लिहाज से गुरुवार को होने वाला फ्लोर टेस्ट होकर रहेगा.
कोर्ट ने बुधवार को निर्देश दिए कि कांग्रेस और जद(एस) के 15 अंसतुष्ट विधायकों को कर्नाटक विधानसभा की कार्यवाही में भाग लेने के लिए ‘‘बाध्य ना’ किया जाए. कोर्ट ने यह भी कहा कि अध्यक्ष का फैसला उसके समक्ष पेश किया जाए सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद स्पीकर रमेश कुमार का कहना है कि वह कानून के हिसाब से ही अपना निर्णय लेंगे.
Karnataka Speaker KR Ramesh Kumar: I will take a decision that in no way will go contrary to the Constitution, the Court and the Lokpal. pic.twitter.com/p0QcgBJkPB
— ANI (@ANI) July 17, 2019
वहीं भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि कुमारस्वामी को अब इस्तीफा देना चाहिए. हमें पूरा विश्वास है कि बहुमत हमारे साथ होगा. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कांग्रेस-जेडीएस के द्वारा जारी व्हिप लागू नहीं होगा.
Former Karnataka CM & BJP leader, B. S. Yeddyurappa on Supreme Court's verdict in Karnataka rebel MLAs case: Certainly the Government will not last because they do not have the numbers. pic.twitter.com/THLWCWMlu9
— ANI (@ANI) July 17, 2019
वहीं कर्नाटक के सीएम एचडी कुमारस्वामी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है. बुधवार को बेंगलुरु में जब उनसे इस बात पूछा गया तो वे बिना जवाब दिए अपनी कार में सवार होकर चलते बने. इस बीच बागी विधायकों ने कहा कि वो सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वो किसी भी हाल में गुरुवार को विधानसभा नहीं जाएंगे. विधानसभा में 18 जुलाई को विश्वासमत पर चर्चा है.
कहा जा रहा है कि अगर ये विधायक विधानसभा नहीं पहुंचते हैं तो फ्लोर टेस्ट में कुमारस्वामी की सरकार का गिरना तय है. क्योंकि बहुमत हासिल करने के लिए 105 विधायकों के समर्थन की जरूरत होगी लेकिन कुमारस्वामी सरकार के पास 101 विधायकों (स्पीकर और 1 बीएसपी विधायक समेत) का ही समर्थन बचेगा.
इस्तीफा मंजूर होने पर कांग्रेस विधायकों की संख्या 79 से घटकर 66 और जेडीएस विधायकों की 37 से घटकर 34 हो जाएगी. ऐसे में बीजेपी को फायदा हो सकता है, जिसके पास 105 विधायकों के साथ ही दो निर्दलीय विधायकों (एच नागेश और आर शंकर) का भी समर्थन है.
बता दें कि कांग्रेस-जदएस पार्टी से इस्तीफा दे चुके 16 विधायकों में से 10 से कर्नाटक विधानसभा स्पीकर रमेश कुमार के खिलाफ अदालत में याचिका दी थी. जिसमें उन्होंने स्पीकर पर उनका इस्तीफा ना स्वीकारने का आरोप लगाया था. हालांकि, स्पीकर की तरफ से कहा गया था कि अभी इन विधायकों पर अयोग्यता का मामला चल रहा है. सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को इस मसले पर तीखी बहस हुई थी.